facebookmetapixel
नए GST रेट्स का पहला दिन: डिजिटल पेमेंट ₹11 लाख करोड़ के पारDSP MF का नया Nifty 500 FlexiCap Quality 30 ETF क्यों है खास? जानें किस स्ट्रैटेजी पर और कहां लगेगा पैसाकेंद्र सरकार के कर्मचारियों को UPS में भी NPS की तरह मिलेगी टैक्स छूट, 30 सितंबर तक चुनने का मौकाTax Audit Deadline Extension: CBDT ने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट फाइल करने की समयसीमा 31 अक्टूबर तक बढ़ाईH-1B वीजा फीस बढ़ने के बाद IT Funds: क्या करें निवेशक — पैसा लगाएं या बना लें दूरी?PMJDY खाताधारक ध्यान दें! 30 सितंबर तक करा लें Re-KYC, वर्ना बंद हो जाएगा आपका अकाउंटHAL: Defence PSU को मिला ₹62,370 करोड़ का मेगा ऑर्डर, 97 तेजस फाइटर जेट की डील फाइनल; शेयर मूवमेंट पर रखें नजरभारतीय सड़कों पर फिर दौड़ेगी Skoda Octavia RS, प्री-बुकिंग 6 अक्टूबर से शुरू; चेक करें संभावित कीमतUPI New Rules: PhonePe, GPay या Paytm यूज करने वाले दें ध्यान! 3 नवंबर से बदल जाएंगे ये UPI नियमबीमा कंपनी ICICI Lombard देने जा रही डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट भी फिक्स – जानें डिटेल्स

डिजिटल प्रतिस्पर्धा के नियम बनाते समय स्टार्टअप्स के हितों को ध्यान में रखा गया: सीसीआई चेयरपर्सन रवनीत कौर

सीसीआई ने नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए संतुलित विनियमन का आश्वासन दिया, डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक में नए निवारक उपाय प्रस्तावित

Last Updated- December 11, 2024 | 10:38 PM IST
Ravneet Kaur, Chairperson, CCI

डिजिटल मार्केट के लिए एक्स-ऐन्टे विनियमन (पूर्व निर्धारित उपाय) तैयार करते समय सरकार इस तथ्य के प्रति काफी गंभीर थी कि स्टार्टअप क्षेत्र का खास ध्यान रखा जाए। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की चेयरपर्सन रवनीत कौर ने आज यह बात कही।

वह सीआईआई ग्लोबल इकनॉमिक पॉलिसी फोरम में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि ऐसे कानून बनाने वाले यूरोप के विपरीत भारत नवाचार एवं उद्यमिता का ऐसा केंद्र है जहां बड़ी तादाद में स्टार्टअप मौजूद हैं।

कौर ने कहा, ‘हमारे यहां दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप परिवेश है। बाहर जो कुछ भी होता है उसे हम एक मार्गदर्शन के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन हमें भारतीय अर्थव्यवस्था के भीतर काम करना चाहिए, क्योंकि हमारी भूमिका सभी के लिए समान अवसर उपलब्ध कराने की है ताकि भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा लगातार बनी रहे।’

डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक के मसौदे में एक्स-ऐन्टे (निवारक) विनियमन प्रस्तावित किए गए हैं। इसके तहत डिजिटल कंपनियों को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग को यह सूचित करना होगा कि वे कुछ गुणात्मक एवं मात्रात्मक, दोनों मानदंडों के आधार पर व्यवस्थित रूप से महत्त्वपूर्ण डिजिटल उद्यम (एसएसडीई) के रूप में पात्रता मानदंडों को पूरा करती हैं।

कौर ने कहा कि स्टार्टअप और छोटी कंपनियों से कर्मचारियों की सेंधमारी से भर्ती चिंताजनक है। ऐसा खास तौर पर अमेरिका और यूरोपीय संघ जैसे बाजारों में दिख रहा है जहां पहले आगे आने के फायदे में रहने वाले डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में इस तरह की प्रथाओं में लिप्त हैं।

उन्होंने कहा, ‘हमें भारत में अब तक ऐसा कुछ नहीं दिखा है। अगर जरूरत पड़ी तो निश्चित रूप से इस पर गौर किया जाएगा। अगर कोई आयोग की नजरों से बचते हुए ऐसी हरकत करने की कोशिश करेगा तो उस पर भी विचार किया जाएगा।’

विनियमन और नवाचार में संतुलन के बारे में सीसीआई की चेयरपर्सन ने बताया कि आयोग विलय एवं अधिग्रहण की मंजूरी के लिए सख्त समयसीमा और डीम्ड मंजूरी की अवधारणा लेकर आया है। उन्होंने कहा कि किसी खास क्षेत्र में उपभोक्ता कल्याण संबंधी हितों को स्टार्टअप एवं उद्यमियों के हितों के साथ संतुलित करना आयोग की एक प्रमुख चुनौती थी।

कौर ने कहा कि भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की भूमिका सभी के लिए समान अवसर प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित करना है कि उद्योग को समय पर निर्णय का फायदा मिल सके और विलय एवं अधिग्रहण में देरी न हो।

First Published - December 11, 2024 | 10:38 PM IST

संबंधित पोस्ट