सिंगापुर स्थित कैपिटालैंड ग्रुप ने अगले तीन-चार साल के दौरान भारत में तीन नए डेटा केंद्र बनाने के लिए करीब 1 अरब डॉलर की रकम निर्धारित की है। समूह का लक्ष्य 500 मेगावॉट की कुल परिचालन क्षमता के साथ वित्त वर्ष 2028 तक शीर्ष-3 कंपनियों में जगह बनाना है।
कैपिटालैंड इन्वेस्टमेंट (इंडिया) में डेटा केंद्रों के प्रबंध निदेशक सुरजीत चटर्जी ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में कहा कि कंपनी तीन और डेटा केंद्र खोलेगी, जिसके साथ ही उसके कुल केंद्रों की क्षमता बढ़कर 245 मेगावॉट हो जाएगी। मुंबई में उसका पहला 100 मेगावॉट क्षमता का केंद्र पहले से ही चालू है।
दूसरा केंद्र 40 मेगावॉट क्षमता के साथ हैदराबाद में निर्माणाधीन है और वर्ष के अंत तक, चौथी तिमाही में इसके शुरू हो जाने की संभावना है। दो अन्य डेटा केंद्रों की तैयारी चल रही है। इनमें 54 मेगावॉट क्षमता वाला केंद्र चेन्नई में 2026 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक और 40-45 मेगावॉट का केंद्र बेंगलूरु में 2027 के शुरू में चालू होने की संभावना है।
चटर्जी ने कहा, ‘हम भारत में अगले तीन-चार साल के दौरान 7,700 करोड़ रुपये का निवेश करने की संभावना तलाश रहे हैं और यह क्षमता निर्माण के हिसाब से विभिन्न बाजारों से जुड़ा होगा।’
कैपिटालैंड कोलकाता में भी अवसर तलाश रही है। कोलकाता अपने छोटे आकार के बावजूद मजबूत विकास क्षमता वाला एक उभरता हुआ बाजार है। चटर्जी ने कहा कि वित्त वर्ष 2028 तक कोलकाता में एक केबल लैंडिंग स्टेशन के संभावित क्रियान्वयन से निवेशकों को आकर्षित करने के लिए राज्य द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहनों का लाभ मिलेगा।
चटर्जी ने कहा कि भारत में कुल मांग बढ़कर 1.6 गीगावॉट होने की उम्मीद है, लेकिन आने वाले वर्षों में बाजार में 2 गीगावॉट तक बढ़ने की क्षमता है। इसके तहत हाइपरस्केलर्स के लिए एआई-केंद्रित डेटा केंद्र एक मजबूत वाले सब-सेगमेंट के रूप में उभरेंगे, जिसके लिए कोर और शेल तथा फ्लोर लोडिंग के संदर्भ में खास कॉन्फीगुरेशन की आवश्यकता होगी।
कैपिटालैंड इस बाजार के बड़े हिस्से पर नियंत्रण हासिल करना चाहती है, जिस पर मौजूदा समय में जापान की एनटीटी, सिंगापुर की एसटी टेलीमीडिया जैसी वैश्विक बड़ी कंपनियों और एयरटेल की एनएक्सट्रा, सीटीआरएलएस, सिफी टेक्नॉलजीज तथा एनटीटी-नेटमैजिक जैसी भारतीय कंपनियों का पहले से ही दबदबा बना हुआ है।