ब्रिटेन की प्रमुख ऊर्जा कंपनी बीपी पीएलसी अपनी वैश्विक रणनीतिक समीक्षा के तहत अपनी भारतीय लुब्रिकेंट कंपनी कैस्ट्रॉल इंडिया को बेच सकती है। कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी है। कैस्ट्रॉल इंडिया की होल्डिंग कंपनी बीपी है जिसमें उसकी 51 फीसदी हिस्सेदारी है। मंगलवार के शेयर भाव के अनुसार उसका मूल्यांकन करीब 11,000 करोड़ रुपये (1.26 अरब डॉलर) है। बैंकरों का मानना है कि बीपी को भारत सहित दूसरे देशों में अपने लुब्रिकेंट कारोबार को बेचने से करीब 10 अरब डॉलर मिल सकते हैं।
बीपी ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘कैस्ट्रॉल की रणनीतिक समीक्षा में मूल्य सृजन पर ध्यान देते हुए सभी विकल्पों पर विचार करना है। इस समीक्षा के कारण होने वाले किसी भी संभावित लेनदेन से बीपी की बैलेंस शीट को मजबूती मिलेगी।’ वैश्विक घोषणा के बाद बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर कैस्ट्रॉल इंडिया का शेयर आज 218 रुपये पर लगभग सपाट बंद हुआ। बैंकरों ने कहा कि इस बिक्री सौदे में निजी इक्विटी फर्मों और अन्य भारतीय प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बोली लगाने की संभावना है। वे कंपनियां दिलचस्पी ले सकती हैं जो बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती हैं।
इस घोषणा के साथ ही बीपी भी उन विदेशी कंपनियों में शामिल हो गई है जो अपने भारतीय कारोबार को बेचने की योजना बना रही हैं। नीदरलैंड की कंपनी एक्जो नोबेल एनवी ने अपनी पेंट कंपनी एक्जो नोबेल इंडिया को बेचने की तैयारी कर रखी है। इसके लिए वह प्रमुख निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन के अलावा जेएसडब्ल्यू पेंट्स और पिडिलाइट के साथ बातचीत कर रही है। मार्च के अंत तक गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव आने हैं। पिछले साल फरवरी में नोवार्टिस एजी ने भारत में सूचीबद्ध नोवार्टिस इंडिया लिमिटेड में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी। खबरों के अनुसार इस सौदे के लिए उसे डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज सहित कई कंपनियों से गैर-बाध्यकारी प्रस्ताव मिले हैं।
कैस्ट्रॉल इंडिया अग्रणी लुब्रिकेंट्स कंपनी है। उसके पास कैस्ट्रॉल सीआरबी, कैस्ट्रॉल जीटीएक्स, कैस्ट्रॉल ऐक्टिव, कैस्ट्रॉल मैग्नेटेक और कैस्ट्रॉल वेक्टन सहित कई ब्रांड हैं। कंपनी के पास भारत में तीन ब्लेंडिंग संयंत्र हैं। उसके पास 350 वितरकों का बड़ा नेटवर्क है जो 1 लाख से अधिक रिटेल आउटलेट के जरिये ग्राहकों तक पहुंच सुनिश्चित करता है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार ऐक्टिविस्ट फंड इलियट इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट कह रहा है कि लागत में भारी कटौती की जाए और हिस्सेदारी बेची जाए जिससे कि भविष्य में वह स्वतंत्र कंपनी के तौर पर मजबूत हो सके। इलियट इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट की कंपनी में करीब 3.7 अरब पाउंड यानी करीब 4.7 अरब डॉलर की हिस्सेदारी है।