अंतरिम बजट के पहले सरकार ने स्मार्टफोन के पुर्जों और स्पेयर पार्ट्स पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। वित्त मंत्रालय ने 30 जनवरी को जारी गजट अधिसूचना में यह जानकारी दी है।
इस बदलाव के बाद बैटरी कवर, एंटीना, सीलिंग गास्केट्स, सिम सॉकेट्स व अन्य सहित मैकेनिक्स की श्रेणी में आने वाली चीजों की कीमतों में कमी आएगी। इसी तरह से डाई-कट कंपोनेंट जैसे एलसीडी फोम, कंडक्टिव क्लोथ और स्टिकर बैटरी स्लॉट्स के अलावा अन्य चीजों की कीमत घटेगी।
कुल मिलाकर इन घटकों के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले इनपुट पर आयात शुल्क घटकर शून्य हो गया है। आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक एडहेसिव, स्टील शीट और लोगो पर शून्य इनपुट शुल्क लगेगा।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सीमा शुल्क को तार्किक बनाए जाने से उद्योग के लिए बहुप्रतीक्षित निश्चितता और स्पष्टता आएगी।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘मैं माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी को इस कदम से मोबाइल फोन विनिर्माण का वातावरण मजबूत करने के लिए धन्यवाद देता हूं।’
यह कटौती ऐसे समय में की गई है, जब इस क्षेत्र की कंपनियां इस तरह के कदमों की मांग कर रही थीं, जिससे कि अन्य देशों की तुलना में कारोबार का समान अवसर मिल सके।
विश्लेषकों का कहना है कि इस कदम से ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (ओईएम) की लागत घटेगी और इसका लाभ अंतिम उपभोक्ताओं को मिल सकेगा।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च में वरिष्ठ विश्लेषक प्रचिर सिंह ने कहा, ‘इस कदम से स्मार्ट फोन की कीमत करीब 3 प्रतिशत घटाने में मदद मिलेगी। इससे ग्राहकों को लाभ होगा और खासकर शुरुआती स्तर के मोबाइल उपकरण बनाना सस्ता होगा। मुद्रा में उतार-चढ़ाव के कारण यह सेग्मेंट सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ था और इसकी वजह से पिछले 1 साल में कीमतें बढ़ी हैं।’
स्मार्टफोन विनिर्माताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे मोबाइल कंपोनेंट के स्थानीय विनिर्माताओं को लाभ होगा। श्याओमी इंडिया के प्रेसीडेंट मुरलीकृष्णन बी ने कहा, ‘पुर्जों व अन्य छोटे भागों में आयात शुल्क में कटौती स्वागतयोग्य कदम है। इससे शुल्क अंतर घटाने में मदद मिलेगी, जिससे ऐसे पुर्जों के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा मिल सकता है।’
सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि यह भारत में मोबाइल विनिर्माण को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप है।
महेंद्रू ने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स 2024 में भारत का 5वां सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र बन गया है, जो कुछ साल पहले 9वें स्थान पर था।’ उन्होंने कहा, ‘उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना की बदौलत इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में 52 प्रतिशत से अधिक मोबाइल का योगदान है। यह पिछले 8 वर्षों के भीतर आयात से निर्यात आधारित विकास में योगदान देने वाला पहला उद्योग है।’