कैलेंडर वर्ष 23 की पहली तिमाही के दौरान वैश्विक स्तर पर ऐपल का पीसी निर्यात 40 प्रतिशत तक की लुढ़का है। यह उस गिरावट को भी दर्शाता है, जो पीसी खंड में हाल के दिनों में देखी गई है। हालांकि विश्लेषकों का मानना है कि भारत में ऐपल पीसी की कहानी अभी शुरू हुई है और इसमें भारतीय बाजार में हिस्सेदारी बढ़ाने की क्षमता है।
ऐपल भारत में कैलेंडर वर्ष 22 की चौथी तिमाही के दौरान पहली बार शीर्ष पांच पीसी कंपनियों में शामिल हुआ। बिजनेस स्टैंडर्ड ने जिस विश्लेषक से बात की, उन्होंने कहा कि हालांकि कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली तिमाही में ऐपल की खेप में गिरावट देखने को मिल सकती है, लेकिन फर्म इस साल के अंत तक अपनी बाजार हिस्सेदारी को मौजूदा पांचवें स्थान से बढ़ाकर चौथे स्थान पर ला सकती है। भारत में पीसी (पर्सनल कंप्यूटर, जिनमें लैपटॉप और डेस्कटॉप शामिल हैं) खंड में ऐपल की मौजूदगी का झुकाव मैकबुक की ओर है।
भारतीय पीसी बाजार में ऐपल की मौजूदगी प्रति तिमाही औसतन 30,000 से 50,000 के आयात के साथ हमेशा काफी कम रही है। आईडीसी इंडिया के पीसी अनुभाग के वरिष्ठ बाजार विश्लेषक बी शेनॉय ने कहा कि पिछली छह से सात तिमाही में विशेष रूप से कोविड के दौरान भारतीय बाजार में ऐपल काफी आक्रामक रही। मैकबुक का आयात बढ़कर प्रति तिमाही 1,50,000 होने से ऐसा हुआ।
आईडीसी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2020 तक ऐपल के पीसी आयात का औसत प्रति तिमाही लगभग 30,000 से 50,000 रहा। त्योहारी सीजन की बिक्री के दौरान यानी पिछले साल जुलाई से अक्टूबर तक ऐपल का पीसी आयात पहली बार 3,00,000 तक पहुंच गया।
शेनॉय ने कहा कि निश्चित रूप से दिसंबर तिमाही में यह 1,50,000 से कुछ कम हुआ है। हमें लगता है भले ही पहली तिमाही में स्टॉक निर्माण के कारण कुछ नरमी देखी जा सकती है, लेकिन आगे चलकर हम दूसरी और तीसरी तिमाही में मजबूती देख रहे हैं, जो संपूर्ण पीसी बाजार के लिए भी देखी जा रही है।
विश्लेषकों और उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि भारत में ऐपल के आक्रामक होने और अब इसके समर्पित स्टोर खोले जाने का मतलब यह होगा कि कंपनी की नजर पीसी बाजार में बड़ी हिस्सेदारी पर है।
काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसंधान निदेशक तरुण पाठक ने कहा कि हमारा अनुमान है कि आगे चलकर ऐपल भारत में अपने स्मार्टफोन खंड जैसी राह पर चलेगी। हालांकि भारत स्मार्टफोन-फर्स्ट वाला देश है, लेकिन हम इसके पीसी खंड के लिए स्थिर विकास मार्ग की उम्मीद कर रहे हैं।
एक पीसी फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में ऐपल की वाणिज्यिक खंड में कभी कोई उपस्थिति नहीं थी। उनका खरीदार वर्ग बहुत विशिष्ट है, लेकिन यह धीरे-धीरे बदल रहा है।