अमेरिका के सांता क्लारा मुख्यालय वाली दिग्गज वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनी एएमडी भारत में चिप डिजाइन करने और सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनियों में निवेश अथवा अधिग्रहण करने के लिए तैयार है। एएमडी हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग हार्डवेयर के डिजाइनिंग क्षेत्र में कारोबार करती है।
भारत में एएमडी के प्रबंध निदेशक (बिक्री) विनय सिन्हा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘अगर आप वैश्विक स्तर पर अधिग्रहण पर गौर करेंगे तो हमें काफी व्यस्त देखेंगे। हम भारत में भी इसके लिए तैयार हैं। मुझे लगता है कि देश में काफी प्रतिभा मौजूद है। अगर हमारी योजनाओं के अनुरूप कोई अच्छा सौदा मिलता है तो हम निवेश या अधिग्रहण करने से पीछे नहीं हटेंगे।’
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आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर काम करने वाले पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) को ताकत देने में एएमडी एक प्रमुख वैश्विक कंपनी रही है। भारत में एआई पीसी को अपनाए जाने के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘वह अब लॉन्च का एक हिस्सा बन चुका है। विश्लेषकों का मानना है कि अगले दो वर्षों के दौरान भारत में हर तीन में से एक पीसी एआई पीसी होगा। इसे अपनाए जाने का शुरुआती चरण शुरू हो रहा है।’
सिन्हा ने कहा कि एआई पीसी और पारंपरिक पीसी के बीच लागत का अंतर पहले काफी अधिक था जो अब खत्म हो गया है। उन्होंने कहा, ‘एआई पीसी के मुख्यधारा में आने के साथ ही लागत में कमी आएगी। हमें छह महीने पहले के मुकाबले कीमतों में काफी गिरावट दिख रही है।’
एएमडी सरकार के एआई मिशन के तहत भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। एआई के क्षेत्र में भारत की प्रगति के बारे में बताते हुए सिन्हा ने कहा, ‘यहां राजनीतिक इच्छाशक्ति है। यह देखकर अच्छा लग रहा है कि सरकार एआई को शुरुआती दौर में ही अपनाना चाहती है। साथ ही इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं परिवेश तैयार करने को बढ़ावा दे रही है।’ सिन्हा ने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह बेहतर हो रहा है। इसका उपयोग पूरी तरह से नहीं हो रहा ह, लेकिन अधिक उपयोग के मामलों और अधिक डेवलपरों के शामिल होने के मद्देनजर हम उम्मीद करते हैं कि यह अधिक दमदार होगा’
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जीपीयू की वैश्विक किल्लत और मांग एवं आपूर्ति में बड़े अंतर के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘आपूर्ति संबंधी चुनौती उतनी नहीं है जितनी पहले थी। मैं समझता हूं कि यह हमारे और एनवीडिया के साथ है, जो जीपीयू के दो प्राथमिक उत्पादक हैं। अब हमारे पास 180 दिनों की डिलिवरी शेड्यूल नहीं है। हमने 30 दिनों से भी कम समय में डिलिवरी की है। प्रतिस्पर्धा के मामले में भी यही कहानी है। मगर मांग बढ़ने के साथ ही हमने सुनिश्चित किया है कि बैक एंड से आपूर्ति दक्षता बढ़ाई जाएगी। एक उद्योग के रूप में हम मांग में तेजी जैसी चुनौतियों के लिए तैयार हैं।’
भारतीय कंपनियों द्वारा एआई को अपनाए जाने के बारे में सिन्हा ने कहा, ‘यह स्वभाव का भी मामला है। भारत के लोग बेहद आजमाई और परखी हुई प्रौद्योगिकी को पसंद करते हैं। यह एक विवेकपूर्ण रणनीति है और अधिकतर मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) इसका पालन करते हैं।’