ऐक्सिस म्युचुअल फंड में फिक्स्ड इनकम के प्रमुख देवांग शाह का कहना है कि निवेशकों को जोखिम को संतुलित बनाने के लिए संक्षिप्त अवधि के बॉन्डों और म्युचुअल फंडों पर ध्यान देना चाहिए। शाह ने अभिषेक कुमार के साथ एक ईमेल इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने कॉरपोरेट और मीडियम-ड्यूरेशन बॉन्डों में अपनी हिस्सेदारी क्यों बढ़ाई है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश:
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती और उसके बयानों का भारतीय बाजार पर क्या असर होगा? क्या भारत में भी ब्याज दरों में और कटौती होने की संभावना है?
फेड द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद थी और दो अन्य कटौती के उसके संकेत बाजार की उम्मीदों के अनुरूप हैं। घरेलू स्तर पर हमारा मानना है कि ब्याज दर में कटौती का यह चक्र अब खत्म होने वाला है। हालांकि, जीएसटी में सुधार का लगातार असर, विकास क्षमता में कमी और फेड द्वारा ब्याज दरों में ढील देने से आरबीआई अक्टूबर-नवंबर के चक्र में रीपो दर में 25 आधार अंक की कटौती कर सकता है।
क्या आपको लगता है कि लंबी अवधि वाले बॉन्ड (30 साल या उससे अधिक) आकर्षक निवेश के अवसर मुहैया कराते हैं?
लंबी अवधि वाले बॉन्ड अभी दरों में उतार-चढ़ाव के बीच कुछ अवसर दे रहे हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि इस सेगमेंट में कोई स्थायी बढ़ोतरी होगी। पिछले साल की तेजी के बाद अब निवेशकों में सतर्कता बढ़ी है, क्योंकि जून 2025 के बाद से ब्याज दरें, 50 आधार अंक की अप्रत्याशित कटौती के बाद भी बढ़ी हैं। मुख्य चिंता यह है कि जब तक कोई और नीतिगत समर्थन या बाहरी झटका नहीं आता, तब तक लंबी अवधि वाले बॉन्ड, मौजूदा वित्तीय जोखिम और कम मांग के कारण उतना रिटर्न नहीं दे पाएंगे। इसके विपरीत, कम अवधि वाली जी-सेक (सरकारी प्रतिभूतियों) की मांग अपेक्षाकृत मजबूत है, जिसे आरबीआई द्वारा हाल में ओपन मार्केट ऑपरेशन (ओएमओ) खरीद और नकदी आरक्षी अनुपात (सीआरआर) में कटौती के जरिये की गई भारी लिक्विडिटी बढ़ोतरी से समर्थन मिल रहा है।
क्या निवेशकों के लिए लंबी अवधि वाले फंडों के माध्यम से अधिक रिटर्न प्राप्त करना सही होगा?
चूंकि हम ब्याज दर में कटौती के चक्र के अंतिम चरण में हैं, इसलिए हमें अब और कोई बड़ी राहत की उम्मीद नहीं है। हालांकि लॉन्ग-ड्यूरेशन सेगमेंट में कुछ अवसर अभी भी हो सकते हैं, लेकिन हमें लगातार बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। ऐसे माहौल में, ग्राहक बेहतर जोखिम-लाभ अनुपात के लिए अल्पावधि निवेश पर ध्यान दे सकते हैं। मध्यावधि डेट निवेश करने वाले निवेशकों के लिए, इनकम प्लस आर्बिट्रेज फंड ऑफ फंड्स उनकी फ्लेक्सिबिलिटी और टैक्स बचत के कारण एक बेहतरीन विकल्प हैं।
आपके डायनामिक बॉन्ड, जी-सेक और अन्य मध्यावधि से दीर्घावधि निवेश पोर्टफोलियो की स्थिति कैसी है?
हाल के महीनों में ऐक्सिस एएमसी के डायनामिक बॉन्ड और गिल्ट पोर्टफोलियो में अवधि को सक्रिय रूप से कम किया गया है। यह बदलाव अधिक सावधानी बरतने का संकेत है, जिससे पोर्टफोलियो की ब्याज दर में बदलाव के प्रति संवेदनशीलता कम हो जाती है। मध्यावधि और कॉरपोरेट बॉन्डों में निवेश को प्राथमिकता दी गई है, जो ‘कैरी-फोकस्ड’ दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। उच्च गुणवत्ता वाला क्रेडिट, खासकर छोटी से मध्यम अवधि का, अस्थिर समय में भी ऐक्सिस एएमसी के आवंटन का मुख्य हिस्सा बना हुआ है।