ओला के संस्थापक भवीश अग्रवाल कंपनी के कई कारोबारों में रोजमर्रा के कामकाज से दूर रहेंगे। कंपनी में जारी एक आंतरिक नोट के अनुसार अग्रवाल अब अभियांत्रिकी (इंजीनियरिंग), उत्पादन एवं टीम निर्माण कारोबारों जैसे क्विक कॉमर्स एवं इलेक्ट्रिक वाहनों पर ध्यान देंगे। अग्रवाल ने कहा कि ओला समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) जी आर अरुण कुमार की भूमिका एवं उनके दायित्व का दायरा बढ़ाया जा रहा है। अग्रवाल ने कहा कि अरुण समूह के विभिन्न कारोबारों के परिचालन में उनकी मदद करेंगे।
अग्रवाल ने नोट में कहा, ‘मैं अब इंजीनियरिंग कार्यों, टीम निर्माण और उत्पादों पर ध्यान दूंगा। इसके अलावा मैं नए दोपहिया उत्पादों, कार परियोजना, क्विक कॉमर्स में नवोन्मेष एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार सहित दीर्घ अवधि की रणनीतिक परियोजनाओं पर केंद्रित रहूंगा।’ ओला ने आज कहा कि कारोबार विस्तार, इसकी गति एवं गुणवत्ता बनाए रखने के लिए समूह सीएफओ अरुण जीआर को अधिक जिम्मेदारी दी जा रही है। ओला के अनुसार सीएफओ ओला समूह में रोजमर्रा का कामकाज देखेंगे और अग्रवाल की मदद करेंगे।
इस बारे में ओला के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘ओला कार एवं सेल विनिर्माण जैसी महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इसे देखते हुए कंपनी क्रियान्वयन श्रेष्ठतम स्तर पर रखने एवं नए कारोबारों में उद्यमशीलता की भावना उच्च स्तर पर बनाए रखने पर पर्याप्त ध्यान देना चाहती है।’ अग्रवाल ने आज ट्वीट किया कि कुछ जगहों पर उनके सेवानिवृत्त होने की खबरें हैं, जो सच नहीं हैं और पूरी तरह निराधार हैं। पिछले वर्ष ओला ने नेतृत्व दल का विस्तार किया था और दो मुख्य वित्तीय अधिकारियों की नियुक्ति की थी। जी आर अरुण कुमार ओला समूह और ओला इलेक्ट्रिक के सीएफओ के रूप में आए थे। स्वयं सौरभ ने ओला मोबिलिटी, वित्तीय सेवाएं एवं खाद्य कारोबार के सीएफओ के रूप में कमान संभाली थी। जी आर अरुण कुमार को वित्त एवं रणनीति में दो दशकों से अधिक का अनुभव है। वह वेदांत रिसोर्सेस, जीई और हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी कंपनियों में काम कर चुके हैं। कुमार ओला की नेतृत्व टीम में उस समय शामिल हुए, जब ओला इलेक्ट्रिक दुनिया का सबसे बड़ा दोपहिया संयंत्र बनाने में जुटी है।
अग्रवाल ने नोट में कहा, ‘अरुण एक वर्ष पहले ओला में आए थे और पिछले एक वर्ष के दौरान वह कंपनी के लिए काफी असरदार साबित हुए हैं। समूह के सीएफओ के तौर पर वह विनिर्माण, आपूर्ति ढांचा, एसऐंडओपी, ओला इलेक्ट्रिक का निर्माण, वाहनों की खुदरा बिक्री, क्विक कॉमर्स सहित कई अन्य दायित्व संभाल रहे हैं। वह काफी प्रभावी रहे हैं।’ कुछ समय पहले पुणे में कंपनी के ओला स्कूटर संयंत्र में आग लग गई थी। कंपनी निवेशकों से नए चरण की रकम जुटाने के लिए बातचीत कर रही है। कई ग्राहक ओला स्कूटरों में खामियों की शिकायत कर रहे हैं, जिसके बाद इनकी व्यापक जांच हो रही है।
ओला इलेक्ट्रिक एडवान्स्ड सेल केमिस्ट्री ऐंड मैन्युफैक्चरिंग और अन्य बैटरी तकनीकों में शोध एवं विकास को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए कंपनी दुनिया भर में नए अवसर तलाश रही है और ऐसी खूबियां रखने वाली कंपनियों में निवेश करना चाहती है। इससे कंपनी ग्राहकों को उच्च बैटरी क्षमता वाले दोपहिया और चार पहिया वाहन दे पाएगी।
कंपनी ने हाल में ही इजरायल की बैटरी तकनीक कंपनी स्टोरडॉट में निवेश किया है। स्टोरडॉट बैटरी खंड की दिग्गज कंपनी मानी जाती है और एक्सट्रीम फास्ट चार्जिंग (एक्सएफसी) तकनीक में इसकी विशेषज्ञता है।
