स्टार्टअप और उनके निवेशकों को प्रभावित करने वाले ऐंजल कर समाप्त करने से निवेशकों की धारणा मजबूत हुई है। निवेशकों ने कहा कि अब उम्मीद है कि धनाढ्य लोगों, पारिवारिक कार्यालयों और विदेशी निवेशक भी निवेश करने से गुरेज नहीं करेंगे। मगर सरकार के इस कदम से देश में आने वाली फंडिंग की कुल मात्रा पर कोई खास असर पड़ने की संभावना नहीं है। निवेशकों का कहना है कि फंडिंग में बढ़ोतरी धीरे-धीरे होगी।
माइक्रो वीसी फंड अर्थ वेंचर फंड के मैनेजिंग पार्टनर अनिरुद्ध ए दमानी ने कहा, ‘कोई भी विदेशी निवेशक वैसे देशों में निवेश नहीं करना चाहता है जहां उसके निवेश को मनमाने तरीके से कर योग्य आय के तौर पर माना जा सकता है। इस कदम से निवेश प्रक्रिया सुव्यवस्थित होगी और इससे भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में अधिक विदेशी निवेश हासिल करने में मदद मिलेगी।’
बीते सप्ताह बजट 2024 पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वर्गों के निवेशकों के लिए ऐंजल कर को हटा दिया। कर से बचाव और धन के दुरुपयोग को रोकने के लिएसाल 2012 में पेश किया गया कर कानून अब 1 अप्रैल, 2024 से पूंजी जुटाने वाली कंपनियों पर लागू नहीं होगा।
वित्त मंत्री द्वारा इस प्रस्ताव के घोषणा के बाद उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकर के इस कदम से भारतीय स्टार्टअप परिवेश के लिए चल रही फंडिंग विंटर (रकम जुटान में कठिनाई का दौर) का अंत हो सकता है।
सिंह ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘उद्यम पूंजीपति, धनाढ्य और विदेशी निवेशक- जो पहले कर भुगतान के अनुपालन बोझ के कारण स्टार्टअप कंपनियों में निवेश नहीं करना चाहते थे, वे अब इसके लिए आगे आएंगे।’