दुनिया के सबसे बड़े सॉवरिन वेल्थ फडों में से एक ने मुकेश अबानी समूह कंपनियों पर अपना दांव बढ़ाया है, भले ही उसने गौतम अदाणी समूह कंपनियों के शेयरों से बाहर निकलने पर जोर दिया।
1.3 लाख करोड़ डॉलर के इस फंड ने महीने के शुरू में घोषणा की थी कि वह पर्यावरणीय, सामाजिक और प्रशासनिक (ईएसजी) जोखिमों समेत विभिन्न चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अदाणी समूह की कंपनियों से पूरी तरह बाहर हो गया।
अदाणी समूह को अमेरिकी शॉर्टसेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का सामना करना पड़ा है। शॉर्टसेलर की रिपोर्ट सामने आने के बाद से अदाणी समूह कंपनियों का मूल्यांकन करीब 12.4 लाख करोड़ रुपये घट गया। हालांकि समूह ने हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों को नकार दिया है।
नॉर्वे के गवर्नमेंट पेंशन फंड ग्लोबल ने 2022 में मुकेश अंबानी समूह कंपनियों में अपना निवेश 18.05 करोड़ डॉलर तक बढ़ाया था। इस फंड के दिसंबर 2022 के आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी मिली है।
निर्धारित आय दस्तावेजों से पता चला है कि फंड ने दिसंबर के अंत तक अदाणी समूह कंपनियों में अपना पूरा निवेश बेच दिया था। 2021 के अंत तक अदाणी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई में उसका निवेश 1.27 करोड़ डॉलर था।
फंड ने भारत सरकार की प्रतिभूतियों में अपना निवेश 26.4 करोड़ डॉलर तक घटाया। उसने रिलायंस इंडस्ट्रीज के बॉन्डों में भी अपना निवेश दिसंबर 2022 तक 3.45 करोड़ डॉलर घटाकर 3.78 करोड़ डॉलर किया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बॉन्डों को सरकार संबंधित बॉन्डों के तौर पर वर्गीकृत किया गया है। फंड ने कहा कि भारत सरकार द्वारा गारंटी दिए जाने की वजह से ऐसा किया गया है।
हालांकि नॉर्वे के इस फंड ने अदाणी या अंबानी समूह से संबंधित निवेश निर्णयों पर और ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है।
मुकेश अंबानी की कंपनियों में इस फंड के निवेश में वृद्धि सिर्फ रिलायंस इंडस्ट्रीज तक सीमित नहीं है। फंड का कुल निवेश समूह की कम से कम चार कंपनियों में बढ़ा है।
नेटवर्क18 मीडिया ऐंड इन्वेस्टमेंट्स में फंड का स्वामित्व जहां 2021 के अंत में 1.38 प्रतिशत था, वहीं 2022 के आखिर तक यह बढ़कर 1.87 प्रतिशत हो गया।
रिलायंस इंडस्ट्रीज में हिस्सेदारी 0.67 प्रतिशत से बढ़कर 0.79 प्रतिशत पर पहुंच गई। वहीं जस्ट डायल (0.06 प्रतिशत से बढ़कर 0.16 प्रतिशत) और टीवी18 ब्रॉडकास्ट (3.27 प्रतिशत से बढ़कर 3.28 प्रतिशत) में भी फंड ने अपना निवेश बढ़ाया।
सॉवरिन वेल्थ फंड ने महामारी शुरू होने के बाद से भारतीय इक्विटी में अपनी हिस्सेदारी तेजी से बढ़ाई। वर्ष 2019 के अंत में उसके 317 इक्विटी निवेश का मूल्य 9.4 अरब डॉलर पर था। भारत में कोविड-19 का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था।
फंड के निवेशों की कुल संख्या बढ़कर 416 हो गई है। वहीं महामारी की अवधि के दौरान कुल वैल्यू करीब 87.7 प्रतिशत बढ़कर 17.7 अरब डॉलर पर पहुंच गई।
अंबानी और अदाणी समूह ने इस बारे में पूछे गए सवालों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
नॉर्वे के सॉवरिन वेल्थ फंड ने ईएसजी जोखिमों को ध्यान में रखते हुए कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेची है। ईएसजी जोखिमों का आकलन करने के बाद 2022 में फंड ने 74 कंपनियों में अपने निवेश की बिक्री की।