Veg-non and veg thali price: इस साल अगस्त महीने में खाना पकाना महंगा हो गया है। अगस्त में शाकाहारी (veg ) और मांसाहारी (non veg) दोनों थाली के दाम जुलाई के मुक़ाबले बढ़ गए, मगर पिछले साल अगस्त से तुलना करें तो दोनों थाली की कीमतें घटी हैं। शाकाहारी थाली की लागत रोटी, चावल, दाल, दही, सलाद के साथ प्याज, आलू, टमाटर से तय होती है। मांसाहारी थाली में शाकाहारी थाली की भी काफी सामग्री होती है, लेकिन दाल की जगह चिकन (ब्रॉयलर) होता है। घर में पकाई जाने वाली इन थालियों का औसत मूल्य उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में इस थाली में मौजूद व्यंजनों को तैयार करने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री के दाम के अनुरूप होता है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की ‘रोटी राइस रेट‘ नाम से जारी रिपोर्ट के अनुसार इस साल जुलाई में शाकाहारी थाली की औसत कीमत 28.1 रुपये थी, जो अगस्त में 4 फीसदी बढ़कर 29.1 रुपये हो गई। जुलाई महीने में भी जून की तुलना में शाकाहारी थाली के दाम बढ़े थे। क्रिसिल की इस रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में शाकाहारी थाली महंगी होने की मुख्य वजह टमाटर के दाम में 26 फीसदी बढ़ोतरी होना है क्योंकि उसकी आवक 35 फीसदी कम हो गई थी। इस महीने आलू और प्याज की कीमतों में भी स्थिरता देखी गई। जिसने शाकाहारी थाली की कीमत और नहीं बढ़ने दी।
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में शाकाहारी थाली की कीमत साल भर पहले की तुलना में गिर गई है। पिछले साल अगस्त में इस थाली की कीमत 31.2 रुपये थी, जो इस साल अगस्त में 7 फीसदी घटकर 29.1 रुपये रह गई। इसकी वजह आलू, प्याज और दाल के दाम में पिछले अगस्त के मुक़ाबले कमी आना है। रसोई गैस और खाद्य तेलों के दाम में बढ़ोतरी नहीं होती तो शाकाहारी थाली साल भर पहले के मुक़ाबले और भी सस्ती हो जाती।
क्रिसिल की इस रिपोर्ट के अनुसार इस साल अगस्त में मांसाहारी थाली की कीमत 54.6 रुपये रही, जो जुलाई की कीमत 53.3 रुपये से 2 फीसदी अधिक है। इसकी मुख्य वजह टमाटर महंगा होना ही है। इस थाली के सबसे बड़े घटक ब्रॉयलर (50 फीसदी हिस्सा) के दाम अधिक आपूर्ति के कारण स्थिर रहे। जिससे इस थाली की कीमत और बढ़ने से रुक गई। हालांकि सालाना आधार पर तुलना करें तो पिछले अगस्त की तुलना में इस अगस्त मांसाहारी थाली 8 फीसदी सस्ती हुई है। इसकी वजह ब्रॉयलर के दाम पिछले साल से 10 फीसदी कम होना है। सब्जियां और दाल पिछले साल से सस्ती होने से भी कीमतों में कमी को बल मिला है।
क्रिसिल इंटेलिजेंस के निदेशक पूषन शर्मा ने कहा कि निकट भविष्य में थालियों की कीमतें पिछले साल की तुलना में कम ही रहने की उम्मीद है। दालों का उत्पादन अधिक रहने के अनुमान से भी कीमतों में नरमी आने की संभावना है। सब्जियां भी सस्ती हो सकती हैं इससे भी थाली के दाम घटने को मदद मिल सकती है। सरकार ने पीली दाल के शुल्क मुक्त आयत की अनुमति दी है। इससे भी थाली की कीमत कम हो सकती है।