केंद्र सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत अगले तीन से चार महीनों के लिए खाद्यान्न और दालों के मुफ्त वितरण पर सक्रियता से विचार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि सरकार यह कदम नए सिरे से कोविड के मामलों में उछाल आने और महामारी के कारण प्रभावित हुए लाखों गरीब परिवारों को राहत मुहैया कराने के लिए उठाने जा रही है।
सरकार के पास गेहूं, चावल और दालों में विशेष तौर पर चना का पर्याप्त भंडार है जिससे अगले तीन चार महीने यानी कम से कम मार्च 2021 तक गेहूं, चावल और दालों की अतिरिक्त मात्रा मुहैया कराई जा सकती है। कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘कोविड-19 से प्रभावित होने के कारण लाखों गरीब परिवार को चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये अनाजों और दालों के वितरण में शामिल रहीं विभिन्न एजेंसियों से इसको लेकर ब्योरा मांगा गया है और उस संबंध में अंतिम निर्णय पर विचार किया जा रहा है।’ पीएमजीकेवाई 1 और 2 के तहत जो अप्रैल से शुरू होकर नवंबर में समाप्त होने वाली है, केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के करीब 80 करोड़ लाभार्थियों को अतिरिक्त 5 किलोग्राम गेहूं और चावल का वितरण किया। एनएफएसए के तहत इन्हें पहले से ही हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम अनाज दिया जा रहा है। इसके अलावा, सरकार ने गत आठ महीनों में एनएफएसए में शामिल प्रत्येक परिवार को 1 किलोग्राम मुफ्त दाल का भी वितरण किया जिसमें सर्वाधिक चना का वितरण हुआ। इन परिवारों की संख्या करीब 20 करोड़ रही।
सरकारी अनुमानों के मुताबिक योजना के तहत कुल मिलाकर अब तक करीब 3.2 करोड़ टन गेहूं और चावल मुफ्त वितरण के लिए उपलब्ध कराया गया है। इसके तहत 14 लाख टन दाल भी उपलब्ध कराई गई हैं, जिसमें सबसे अधिक चना है। अधिकारियों ने कहा कि 31 अक्टूबर, 2020 को भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के पास गेहूं और चावल का करीब 5.881 करोड़ टन भंडार था जिसमें मिलों के पास रखा 17.2 लाख टन धान भी शामिल है, जबकि 1 अक्टूबर को अनाज की आवश्यकता 3.077 करोड़ टन थी। इसका मतलब है कि केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का भंडार 31 अक्टूबर, 2020 को आवश्यक मात्रा से करीब 91 फीसदी अधिक थी।
यदि पीएमजीकेएवाई को और चार महीनों के लिए बढ़ाकर मार्च तक के लिए विस्तारित किया जाता है तो आवंटन के मौजूदा स्तर से 1.6 करोड़ टन अतिरिक्त अनाज केंद्रीय पूल से लिया जाएगा जो अक्टूबर के अंत के अतिरिक्त भंडार से काफी कम है।
इसी तरह से दालों खासकर चने को लेकर अधिकारियों ने कहा कि गत आठ महीने के वितरण के विश्लेषण के आधार पर मुफ्त वितरण के लिए प्रति महीने 2.4 लाख टन चने का आवंटन मान कर चलें तो अगले तीन से चार महीनों के लिए अतिरिक्त 8 से 9.5 लाख टन तक की अतिरिक्त आवश्यकता पड़ सकती है जबकि नेफेड के पास मौजूदा चना भंडार इससे कहीं अधिक है।
एक विशेषज्ञ ने कहा, ‘जब अनाजों और दालों के भंडार की बात होती है तो चिंता की कोई बात नहीं क्योंकि भंडार प्रचुर मात्रा में है। बहरहाल, चने के मामले में नई उपज मार्च तक बाजार में आने लगेगी जबकि अनाज की बात करें तो 2020-21 के नए सीजन में चावल की खरीद सितंबर में शुरू हुई थी और यह पहले ही पिछले वर्ष के मुकाबले 18.25 फीसदी अधिक हो चुकी है।’
