मंगलवार को वैश्विक बाजारों में तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई, क्योंकि ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि OPEC+ इस सप्ताह होने वाली बैठक में उत्पादन बढ़ाने का निर्णय ले सकता है। हालांकि, व्यापार तनाव में कमी के कारण बाजार को आंशिक रूप से समर्थन भी मिला।
ब्रेंट क्रूड वायदा 31 सेंट यानी 0.5% गिरकर $64.42 प्रति बैरल पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड 30 सेंट या लगभग 0.5% गिरकर $61.23 प्रति बैरल पर रहा।
OPEC+ (पेट्रोलियम निर्यातक देशों का संगठन और उसके सहयोगी) की बुधवार को होने वाली बैठक में कोई बड़ी नीति में बदलाव की संभावना नहीं है। हालांकि, शनिवार को होने वाली बैठक में जुलाई के लिए उत्पादन में तेजी से वृद्धि पर सहमति बनने की उम्मीद जताई जा रही है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूरोपीय संघ के साथ व्यापार वार्ता को 9 जुलाई तक बढ़ाने के फैसले ने तत्काल टैरिफ लागू होने की आशंका को कम कर दिया है, जिससे ईंधन की मांग पर दबाव भी कम हुआ है।
वहीं, ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर जारी अनिश्चितता ने बाजार की धारणा को थोड़ा बुलिश (उत्साहित) बनाए रखा है। अगर वार्ता विफल रहती है, तो ईरान पर प्रतिबंध जारी रह सकते हैं, जिससे वैश्विक बाजार में ईरानी तेल आपूर्ति सीमित रहेगी।
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने सोमवार को कहा कि अगर अमेरिका के साथ परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत विफल भी हो जाती है, तो भी ईरान अपने दम पर स्थिति का सामना कर सकता है।
SEB के विश्लेषक ओले ह्वालबाई का कहना है कि तेल आपूर्ति में वृद्धि पहले से ही बाजार में आंशिक रूप से शामिल हो चुकी है।
UBS विश्लेषक जियोवानी स्टौनोवो के अनुसार, जब तक OPEC+ की शनिवार की बैठक से कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आता, तब तक कीमतों में बहुत अधिक बढ़त की संभावना सीमित है। हालांकि, व्यापार तनाव में कमी से सकारात्मक असर पड़ा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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