भारत सरकार का स्टील मंत्रालय लो-एश मेटलर्जिकल कोक (Met Coke) के आयात पर लागू प्रतिबंधों को आगे बढ़ाने के पक्ष में है। मंत्रालय का मानना है कि देश में इस स्टील निर्माण सामग्री की पर्याप्त घरेलू आपूर्ति मौजूद है, ऐसे में आयात की आवश्यकता नहीं है। यह फैसला देश की प्रमुख स्टील कंपनियों जैसे आर्सेलर मित्तल निप्पॉन इंडिया और JSW स्टील के लिए एक झटका माना जा रहा है, जो इन प्रतिबंधों का विरोध कर रही हैं।
भारत, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा इस्पात उत्पादक है, ने दिसंबर 2024 में लो-एश मेट कोक पर मात्रात्मक प्रतिबंध लगाए थे। इसके तहत देश-विशिष्ट कोटे तय किए गए और जनवरी से जून 2025 के लिए कुल आयात को 1.4 मिलियन मीट्रिक टन तक सीमित कर दिया गया।
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एक सरकारी सूत्र ने बताया, “हम प्रतिबंध बढ़ाने के पक्ष में हैं क्योंकि देश की घरेलू उत्पादन क्षमता का पूरा उपयोग होना चाहिए।” सूत्र के अनुसार, भारत में लो-एश मेट कोक की वार्षिक उत्पादन क्षमता लगभग 70 लाख मीट्रिक टन है, लेकिन वर्तमान में केवल 30 लाख टन का ही उत्पादन हो रहा है क्योंकि मांग कम है।
आर्सेलर मित्तल निप्पॉन इंडिया और JSW स्टील जैसी बड़ी कंपनियों ने चेतावनी दी है कि यदि ये प्रतिबंध जारी रहे तो उन्हें अपनी स्टील उत्पादन और विस्तार योजनाओं को टालना पड़ सकता है, क्योंकि कुछ विशेष ग्रेड का कोक घरेलू स्तर पर उपलब्ध नहीं है।
वाणिज्य मंत्रालय अगले महीने तक यह निर्णय ले सकता है कि आयात प्रतिबंधों को आगे बढ़ाया जाए या नहीं। हालांकि, स्टील मंत्रालय का समर्थन इस फैसले में अहम माना जा रहा है। पिछले वर्ष भी मंत्रालय ने ऐसे प्रतिबंधों के खिलाफ हस्तक्षेप किया था, जिससे निर्णय लेने में देरी हुई थी।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में स्टील कंपनियों से आह्वान किया कि वे कोक की आपूर्ति स्थानीय स्तर से ही करें। इसके साथ ही भारत ने ऑस्ट्रेलिया, चीन, कोलंबिया, इंडोनेशिया, जापान और रूस से आने वाले मेट कोक पर एंटी-डंपिंग जांच भी शुरू कर दी है। यह जांच घरेलू उद्योग संघ की शिकायत पर की जा रही है।
पिछले चार वर्षों में लो-एश मेट कोक का आयात दुगुना से अधिक हो गया है। इसके प्रमुख आपूर्तिकर्ता देशों में चीन, जापान, इंडोनेशिया, पोलैंड और स्विट्ज़रलैंड शामिल हैं।
यह कदम घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया माना जा रहा है, लेकिन इससे देश की बड़ी स्टील कंपनियों की रणनीति और विस्तार योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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