पिछले कुछ महीनों से नारियल तेल में सस्ते खाद्य तेल की मिलावट का काम जोरों पर है क्योंकि नारियल तेल की कीमत और सस्ते खाद्य तेल की कीमत की बीच काफी अंतर है।
नारियल तेल की थोक कीमत 5825 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि इसकी खुदरा कीमत 6200-6300 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में है। नारियल तेल के कारोबारियों के मुताबिक, नारियल तेल में आयातित पाम कर्नेल ऑयल की मिलावट हो रही है।
भारतीय बाजार में आयातित पाम कर्नेल ऑयल की भरमार है यानी ये सुगमता से उपलब्ध है और इसकी कीमत है 4400-4600 रुपये प्रति क्विंटल। लिहाजा नारियल तेल में पाम कर्नेल ऑयल मिलाकर बेचना काफी आकर्षक और फायदे का सौदा नजर आ रहा है।
नारियल तेल में 20 फीसदी पाम कर्नेल आसानी से मिलाकर बेचा जा सकता है और खरीदने वाले शायद ही इसे पकड़ पाएं। इस मिलावट के बाद भी नारियल तेल के गंध में फर्क नहीं पड़ता।
सिर्फ इसके रंग में थोड़ा फर्क पड़ता है, लेकिन आम ग्राहक इसे आसान से नहीं पकड़ पाते। सस्ते तेल की मिलावट का काम बड़े पैमान पर चल रहा है और इसे अंजाम दिया जा रहा है केरल और तमिलनाडु जैसे राज्य में।
मिलावट के इस धंधे केबीच ये जानना भी जरूरी है कि आखिर कारोबारी इसके लिए क्यों मजबूर हो रहे हैं। हालांकि नारियल और नारियल तेल की कीमत में कोई आपसी संबंध नहीं है। फिलहाल नारियल की किल्लत चल रही है और बावजूद इसके यह 4050-4100 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर उपलब्ध है।
अग्रणी कारोबारियों के मुताबिक, नारियल तेल 6000 रुपये प्रति क्विंटल के नीचे तभी बेची जा सकती है जब कच्चे माल की कीमत के साथ-साथ बिजली और मजदूरी की लागत को भी ध्यान में रखा जाए। ऐसे में ज्यादातर मिल मालिक और व्यापारी कम कीमत पर नारियल तेल बेच रहे हैं क्योंकि वहां मिलावटी माल बेचा जा रहा है।
कोचीन ऑयल मचर्ट असोसिएशन (कोमा) के प्रेजिडेंट तलत मोहम्मद के मुताबिक, प्रीमियम क्वॉलिटी वाले नारियल तेल 6100 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में उपलब्ध हो सकता है।
ऐसा नहीं हो सकता कि इसे तैयार करने वाले मिल मालिक इसे 6000 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे बेच पाएं क्योंकि नारियल की कीमत काफी ऊंची है।
उन्होंने कहा – यही वजह है कि खुदरा बाजार में फिलहाल मिलावटी तेल की भरमार है खास तौर से तमिलनाडु से आने वाले तेल में। ऐसा नहीं है कि मिलावट का खेल अब शुरू हुआ हो।
कुछ साल पहले नारियल तेल की कीमत 7000 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गई थी और पाम कर्नेल ऑयल 3800-4500 रुपये प्रति क्विंटल के रेंज में उपलब्ध था।
जब पाम तेल कीमत बढ़ी और यह 8000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंची तो फिर मिलावट के खेल पर लगभग विराम लग गया था। लेकिन एक बार फिर यह सर उठाने लगा है क्योंकि पाम तेल की कीमत काफी गिर गई है। उस समय केरल सरकार ने इस मिलावटी तेल की बिक्री पर रोक लगाने के लिए कदम उठाए थे।
फिलहाल केरल में मिलावटी धरपकड़ टीम कमजोर है, यही वजह है कि यहां मिलावटी तेल की भरमार हो गई है। कारोबारियों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पाम तेल के अलावा कई और वेरायटी के सस्ते तेल यहां उपलब्ध हैं, लिहाजा ऐसे समय में मिलावट की भरमार हो गई है।
केरल में नारियल का सीजन फरवरी मध्य से पहले शुरू नहीं हो सकता और तब तक इसकी कीमत ऊंची बनी रहेगी। तीर्थस्थल सबरीमाला में रोजाना हजारों नारियल चढ़ाए जाते हैं और अंतत: यह बाजार पहुंच जाता है। इन दिनों भी बाजार में ये नारियल उपलब्ध हैं और 3800-3850 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक रहे हैं।
चूंकि पाम तेल नारियल तेल के मुकाबले 18-20 रुपये प्रति किलो सस्ता है, लिहाजा मिलावट का ये धंधा तब तक बदस्तूर जारी रहेगा जब तक कि राज्य सरकार ठोस कदम नहीं उठाती।
विशेषज्ञों के मुताबिक, मिलावटी तेल जहरीला होता है और यह और भी जानलेवा हो जाता है जब इसे गर्म किया जाता है।