चालू गन्ना सीजन में महाराष्ट्र में गन्ना पेराई की शुरुआत भले ही धीमी रही लेकिन अब रफ्तार पकड़ ली है। इसके बावजूद पिछले सीजन के मुकाबले गन्ना पेराई करीब 28 फीसदी और गन्ना उत्पादन लगभग 35 फीसदी कम है। हालांकि अभी तक महाराष्ट्र गन्ना उत्पादन में सबसे आगे चल रहा है। उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है।
चीनी का मौसम अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। चीनी आयुक्तालय के आकड़ों के मुताबिक सीजन 2023-24 में 03 दिसंबर तक महाराष्ट्र में कुल मिलाकर 176 चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी है और 187.87 लाख टन गन्ने की पेराई की जा चुकी है।
राज्य में अब तक 149.08 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया गया है। पिछले सीजन में इसी समय 189 चीनी मिलों में पेराई का काम शुरु था और 260.81 लाख टन गन्ना पेराई कर 229.64 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था।
नेशनल कोऑपरेटिव शुगर एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक, 30 नवंबर, 2023 के अंत तक देश की चीनी मिलों ने 511 लाख टन गन्ने की पेराई की है, और अब तक 43.20 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है। महाराष्ट्र ने 171.97 लाख टन गन्ने की पेराई करके सर्वाधिक 13.50 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है।
उत्तर प्रदेश में 144.20 लाख टन गन्ने की पेराई करके 13 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। 129.41 लाख टन गन्ने की पेराई कर 11.00 लाख टन चीनी का उत्पादन करके कर्नाटक ने तीसरा स्थान हासिल किया।
चीनी उत्पादन में महाराष्ट्र भले ही पहले स्थान पर हो लेकिन चीनी रिकवरी दर उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा है जबकि महाराष्ट्र तीसरे पायदान पर है। उत्तर प्रदेश की चीनी रिकवरी 9.05 फीसदी, कर्नाटक में 8.50 फीसदी, और महाराष्ट्र 7.85 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में इस साल गन्ना पेराई का सीजन 1 नवंबर से शुरू कर दिया गया था । लेकिन किसान संगठनों के आंदोलन के कारण सांगली, सतारा , कोल्हापुर जिलों पेराई बहुत धीमी थी।
हालांकि राज्य में अब पेराई ने रफ्तार पकड़ ली है। यही कारण है कि महाराष्ट्र देश में गन्ना और चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश से आगे है। महाराष्ट्र में अब तक सबसे ज्यादा सोलापुर विभाग में 43 चीनी मिल और सबसे कम अमरावती विभाग में सिर्फ 2 चीनी मिलों ने पेराई का काम शुरु किया है।
महाराष्ट्र शक्कर आयुक्तालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक वर्ष 2022-23 में 211 चीनी मिलों में गन्ना पेराई की गई और 105 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ। हालांकि इस वर्ष कुल गन्ना क्षेत्र का 14.07 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पेराई के लिए उपलब्ध होगा और 88.58 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन का अनुमान है।
इस वर्ष गन्ने का क्षेत्रफल पिछले वर्ष की तुलना में 6 प्रतिशत कम हुआ है। सीजन 2022-23 में चीनी उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र देश में पहले स्थान पर है और उसके बाद उत्तर प्रदेश का नंबर है।