चांदी की कीमतें मुंबई के हाजिर बाजार में गुरुवार को 75,869 रुपये प्रति किलोग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। हालांकि इस भाव पर चांदी, वायदा व आयात लागत के मुकाबले काफी छूट प्रदर्शित कर रही है, जिसकी वजह मांग का अभाव है। हाजिर नकदी बाजार में चांदी की कीमतें एमसीएक्स के वायदा भाव के मुकाबले 5,500 रुपये प्रति किलोग्राम की छूट प्रदर्शित कर रही है, वहीं चांदी की आयातित लागत से यह छूट 3,000 रुपये प्रति किलोग्राम बैठती है। कीमतों में ऐसे भारी अंतर पर भी मांग नहीं है।
अहमदाबाद के आम्रपाली समूह के निदेशक चिराग ठक्कर ने कहा, बाजार चांदी की आयातित कीमत के मुकाबले 3,000 रुपये प्रति किलोग्राम की छूट प्रदर्शित कर रहा है। अब कीमतों में कुछ गिरावट की दरकार है और निचली कीमत पर मांग की वापसी होगी। ठक्कर 68,000 रुपये से 65,000 रुपये को आधार कीमत के तौर पर देखते हैं लेकिन कीमतें इस स्तर तक शायद नहीं आएगी और मांग 70,000 के स्तर पर भी देखी जा सकती है। ऊपर की बात करें तो चांदी की कीमतें 85,000 रुपये प्रति किलोग्राम का रुख कर सकती हैं।
चांदी की कीमतों में बढ़ोतरी सोने की कीमतों में आई उछाल बाद हुई है। आर्थिक व भूराजनीतिक मोर्चे पर अनिश्चितता और डॉलर के बजाय दूसरी मुद्राओं में कारोबार पर विचार करने वाले देशों की बढ़ती संख्या से भी सोने की मांग बढ़ रही है। इंडियन बुलियन ऐंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र मेहता ने कहा, जिन देशों के विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी ज्यादा है वे डॉलर के बजाय दूसरी मुद्राओं में कारोबार को प्राथमिकता देंगे, ऐसे में केंद्रीय बैंकों की सोने की मांग बढ़त की राह पर है।
साल 2022 में वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने 1,136 टन सोने की खरीद की, जो 2021 में 450 टन था। दिसंबर 2022 में समाप्त तिमाही में वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने अपने भंडार में 417 टन सोना जोड़ा। साल 2023 के पहले दो महीने में इन केंद्रीय बैंकों ने अपने भंडार में 126 टन सोना जोड़ा। यहां तक कि आरबीआई ने साल 2022 में अपने भंडार में 22 टन सोना जोड़ा जबकि मार्च 2023 में 3 टन।
चीन-ताइवान विवाद और अमेरिका में बैंकिंग संकट चिंता में इजाफा कर रहा है। मेहता के मुताबिक, चांदी की कीमतें थोड़ी गिरावट के बाद 24.5 डॉलर प्रति आउंस पर आ सकती हैं, जो अभी अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 26 डॉलर प्रति आउंस है। हालांकि गिरावट के बाद चांदी की कीमतें एक बार फिर बढ़कर 29 डॉलर प्रति आउंस तक जा सकती हैं और यह स्तर अगर पार हुआ तो भारत में चांदी की कीमतें 1 लाख रुपये या उससे भी ज्यादा हो सकती हैं।
एमसीएक्स पर जून का चांदी वायदा शुक्रवार शाम 77,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर ट्रेड कर रहा था। एमसीएक्स चांदी वायदा में कुल खड़े सौदे (ओपन इंटरेस्ट) 20,135 लॉट है। एक लॉट 30 किलोग्राम चांदी के बराबर होता है। 10 अग्रणी लॉन्ग या तेजडि़या व शॉर्ट या मंदडि़या पोजीशन पर नजर डालें तो 13,117 लॉन्ग हैं, जो कुल ओपन इंटरेस्ट का 65 फीसदी है। वहीं 10 अग्रणी पोजीशन में 5,777 लॉट यानी 28.7 फीसदी शॉर्ट पोजीशन है। एमसीएक्स के आंकड़ों से यह जानकारी मिली। चूंकि तेजी वाला पोजीशन शॉर्ट पोजीशन के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है, ऐसे में संकेत मिलता है कि ट्रेडरों का नजरिया तेजी का है। इस तरह से ट्रेडरों की तरफ से कुछ मुनाफावसूली से इनकार नहीं किया जा सकता, यानी कीमत में गिरावट आएगी।
चिराग ठक्कर ने कहा, वैश्विक स्तर पर डॉलर के बजाय अन्य मुद्राओं में कारोबार की प्राथमिकता के अलावा केंद्रीय बैंकों ने दरों में बढ़ोतरी पर विराम लगाना शुरू कर दिया है। कुछ दिन पहले आरबीआई ने दरों में बढ़ोतरी पर विराम लगा दिया, वहीं शुक्रवार को सिंगापुर सेंट्रल बैंक ने भी विराम का विकल्प चुना। उनका अनुमान है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की दर बढ़ोतरी का चक्र सर्वोच्च स्तर पर पहुंच रहा है और अब वहां भी दरें नहीं बढ़ेंगी और इसमें कटौती शुरू हो सकती है। ये चीजें कीमती धातुओं के लिए तेजी के संकेतक हैं।