लगातार 9 सत्रों की तेजी के बाद मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई। तेल आयातकों से डॉलर मांग की वजह से रुपये में कमजोरी दर्ज की गई। रुपया 14 पैसे गिरकर 85.78 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जबकि इसका पूर्ववर्ती बंद भाव 85.64 था।
डीलरों का कहना है कि दिन के दौरान रुपया 85.83 तक गिर गया था, हालांकि विदेशी खरीदारी से इसे कुछ समर्थन मिला। बाजार कारोबारियों का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने डॉलर खरीद के जरिये विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप किया, जिससे रुपये पर और अधिक दबाव पड़ा।
सरकार के स्वामित्व वाले एक बैंक में डीलर ने कहा, ‘डॉलर के लिए आयातक मांग देखी गई। उभरते बाजारों की मुद्राएं भी कमजोर थीं।’ सोमवार को रुपया 35 पैसे तक मजबूत हुआ और वह चालू कैलेंडर वर्ष में हुए सभी नुकसान की भरपाई करने में कामयाब रहा। स्थानीय मुद्रा ने अपने एशियाई समकक्षों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है, जिससे अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल से लागू किए जाने वाले टैरिफ के प्रति भारत की संवेदनशीलता का आकलन हो गया लगता है। एक अन्य सरकारी बैंक के डीलर ने कहा, ‘रुपये को प्रवाह के कारण सहारा मिला है, क्योंकि महीने के अंत में हम इस सप्ताह कुछ डॉलर खरीद देखेंगे, लेकिन रुपया 86 प्रति डॉलर पर स्थिर रहेगा।’