त्योहारी सीजन में आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार खाद्य तेलों की कीमत में नकेल लगाने की कोशिश कर रही है। तेल तिलहन पर स्टॉक लिमिट लगाने के बाद सरकार ने पाम तेल और सूरजमूखी तेल से कृषि उपकर एवं आयात शुल्क में कटौती की है। इसी के साथ भारत में पाम तेल का रिकॉर्ड आयात होने से खाद्य तेल आयात सितंबर के दौरान 63 फीसदी के उछाल के साथ रिकॉर्ड 16.98 लाख टन हो गया।
सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में देश में खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश के लिए भारत सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क की नीति में लगातार बदलाव किए गए हैं।
एसईए ने अपने बयान में कहा कि वनस्पति तेलों का कुल आयात, जिसमें खाद्य और अखाद्य दोनों प्रकार के तेल शामिल हैं, सितंबर के दौरान 66 फीसदी बढ़कर 17,62,338 टन हो गया, जबकि सितंबर, 2020 में यह आयात 10,61,944 टन का हुआ था। एसईए ने कहा कि सितंबर, 2021 के दौरान खाद्य तेलों के आयात ने किसी एक महीने में 16.98 लाख टन के आयात का नया रिकॉर्ड बनाया है। इससे पहले अक्टूबर 2015 में भारत ने 16.51 लाख टन का आयात किया था। एसईए के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि वर्ष 1996 में भारत द्वारा पाम तेल का आयात शुरू करने के बाद से सितंबर 2021 में 12.62 लाख टन पाम तेल का आयात किसी एक महीने में सबसे अधिक आयात को दर्शाता है। अखाद्य तेलों का आयात सितंबर में बढ़कर 63,608 टन हो गया, जो पिछले साल इसी महीने में 17,702 टन था। नवंबर, 2020 से सितंबर, 2021 (11 महीने) के दौरान, वनस्पति तेलों का आयात दो फीसदी बढ़कर 1,24,70,784 टन हो गया। कुल वनस्पति तेल आयात में से खाद्य तेल का आयात 1,19,50,501 टन से बढ़कर 1,20,85,247 टन हो गया। अखाद्य तेल का आयात 3,07,333 टन से बढ़कर 3,85,537 टन हो गया। वनस्पति तेल विपणन वर्ष नवंबर से अक्टूबर तक चलता है।
एसईए ने कहा कि एक जुलाई, 2021 से आरबीडी पामोलिन के आयात के लिए नीति में छूट के कारण अगस्त और सितंबर, 2021 के दौरान आयात में तेजी से वृद्धि हुई। नवंबर, 2020 से सितंबर, 2021 तक कुल मिलाकर आयात 50 फीसदी से अधिक उछलकर 6.28 लाख हो गया। एसोसिएशन ने कहा कि पिछले साल की इसी अवधि के दौरान 4.16 लाख टन आरबीडी पामोलिन का आयात हुआ था। आरबीडी पामोलिन और आरबीडी पाम तेल का आयात, जुलाई, 2021 से 31 दिसंबर, 2021 तक के लिए प्रतिबंधित से मुक्त श्रेणी में हो गया है।