facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

Principle commodity export: कमोडिटी के निर्यात में सुस्ती, अप्रैल में 6.39 फीसदी घटा

Principle commodity export: प्रमुख कमोडिटी के कुल निर्यात में भले ही कमी आई हो। लेकिन भारतीय बासमती की विदेशों में मांग इस वित्त वर्ष भी खूब बढ़ रही है।

Last Updated- May 30, 2024 | 4:43 PM IST
बासमती चावल के निर्यात
Representative Image

भारतीय कमोडिटी की निर्यात मांग में सुस्ती देखने को मिल रही है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती महीने में प्रमुख कमोडिटी के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। इन कमोडिटी का निर्यात घटने की मुख्य वजह गैर बासमती और गेहूं के निर्यात पर अंकुश लागू होना है। हालांकि बासमती चावल की मांग अब भी मजबूत बनी हुई है और चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में इसका निर्यात बढ़ा है।

वर्ष 2024-25 के अप्रैल महीने में कितना हुआ प्रमुख कमोडिटी का निर्यात?
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 के पहले महीने यानी अप्रैल में 210.10 करोड़ डॉलर मूल्य की प्रमुख कमोडिटी का निर्यात हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 के अप्रैल महीने में 224.5 करोड़ डॉलर मूल्य की प्रमुख कमोडिटी निर्यात हुई थी। इस तरह इस साल अप्रैल महीने में इन कमोडिटी के निर्यात में 6.39 फीसदी कमी दर्ज की गई। इस कमी की प्रमुख वजह गैर बासमती चावल के निर्यात में 21 फीसदी गिरावट आना है। इसके साथ ही ताजे फल-सब्जी का निर्यात करीब 20 फीसदी घटकर 16.2 करोड़ डॉलर, भैंस के मांस (buffalo meat) का निर्यात 8.49 फीसदी घटकर 25.2 करोड़ डॉलर रह गया। दाल और मूंगफली का निर्यात भी घटा है। अनाजों के कुल निर्यात में करीब 8.5 फीसदी गिरावट आई है।

बासमती चावल का निर्यात बढ़ा
प्रमुख कमोडिटी के कुल निर्यात में भले ही कमी आई हो। लेकिन भारतीय बासमती की विदेशों में मांग इस वित्त वर्ष भी खूब बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले महीने अप्रैल में 53.4 करोड़ डॉलर मूल्य का 4,99,298 टन बासमती चावल निर्यात हुआ। पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल में 47 करोड़ डॉलर मूल्य का 4,25,427 टन बासमती चावल निर्यात हुआ था। इस तरह इस साल अप्रैल में बासमती चावल के निर्यात में मूल्य के लिहाज से 13.63 फीसदी और मात्रा के लिहाज से 17.36 फीसदी इजाफा हुआ। बासमती के उलट गैर बासमती चावल का निर्यात मूल्य के लिहाज से 21.18 फीसदी घटकर 41.8 करोड़ डॉलर रह गया। मात्रा के लिहाज इस साल अप्रैल में 8,78,467 टन गैर बासमती चावल का निर्यात हुआ, जो पिछले साल अप्रैल में निर्यात हुए 14,19,200 टन से करीब 38 फीसदी कम है।

First Published - May 30, 2024 | 4:43 PM IST

संबंधित पोस्ट