महाराष्ट्र सरकार के दखल के बाद एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में आज खरीद बिक्री की बोली प्रक्रिया शुरू होते ही भाव में गिरावट शुरू हो गई। थोकभाव में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल तक की गिरावट आ गई। लासलगांव में प्याज का औसत भाव 5,100 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया। आपूर्ति सामान्य होने से खुदरा बाजार में प्याज की कीमतों में गिरावट शुरू होगी।
लासलगांव मंडी में प्याज की अधिकतम कीमत 5,900 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,500 रुपये प्रति क्विंटल बोली गई, जबकि औसत भाव 5,100 रुपये प्रति क्विंटल रहा। प्याज की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले दिनों स्टॉक सीमा की घोषणा की थी। जिसका प्याज कारोबारी विरोध कर रहे हैं। सोमवार से थोक कारोबारी मंडी में प्याज की खरीदारी नहीं कर रहे थे। कारोबारियों का कहना है कि सरकार के इस नियम से आयातकों को तो फायदा हो रहा है, जबकि हमारा नुकसान हुआ है। ये ट्रेडर्स स्टॉक सीमा की जगह समय सीमा की मांग कर रहे हैं।
लासलगांव में आज के पहले 14 अक्टूबर को प्याज की बोली प्रक्रिया हुई थी। उस दिन लासलगांव में प्याज का औसत भाव 4,300 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया था, जबकि अधिकतम कीमत 4,801 रुपये और न्यूनतम कीमत 1,452 रुपये प्रति क्विंटल थी। यहां अक्टूबर महीने के शुरुआत में प्याज की औसत कीमत 3,100 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास चल रही थी। लासलगांव और नासिक की दूसरी मंडियों में खरीद बंद होने के कारण राज्य और देश में प्याज आपूर्ति कम होने के कारण प्याज के दाम तेजी से बढ़े। मुंबई में प्याज के खुदरा दाम 120 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए। कारोबारियों का कहना है कि अगले दो दिन में प्याज के दाम तेजी से गिरेंगे और खुदरा बाजार में प्याज के दाम 60-70 रुपये प्रति किलोग्राम तक आ जाएंगे। प्याज का 35 फीसदी हिस्सा लासलगांव मंडी से ही जाता है। मंडी बंद होने से कुछ दिनों से यहां प्याज की आवक रोजाना 70,000 टन से 75,000 टन थी, जो सामान्य दिनों में 1.25-1.50 लाख टन होती है। आवक में 40-50 फीसदी की गिरावट आने के कारण खुदरा बाजार में प्याज के दाम तेजी से बढ़े।
प्याज की बोली दोबारा शुरु करने को लेकर कल यानी गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने प्याज कारोबारियों और किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। इसके बाद प्याज की नीलामी शुरू करने पर सहमति बनी। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी प्याज उत्पादकों और व्यापारियों प्याज की नीलामी शुरू करने को कहा था। पवार ने कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है। इसमें सभी अंशधारकों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होने कारोबारियों को भरोसा दिलाते हुए कहा कि वह इस बारे में केंद्र के संबंधित अधिकारियों से जल्द बात करेंगे।
सरकार के स्टॉक लिमिट से नाराज नाशिक डिस्ट्रिक्ट ऑनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन सोहनलाल भंडारी का कहना है कि यह प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है। हम पहले किसानों से प्याज की खरीदारी करते हैं। फिर गुणवत्ता के आधार पर प्याज की छंटनी होती है। फिर पैकिंग के बाद ट्रक पर लोड किया जाता है। उसके बाद पूरे देश में इसकी आपूर्ति की जाती है। जब तक कोई दूसरा कारोबारी प्याज के ट्रक की डिलिवरी नहीं ले लेता है, वह स्टॉक हमारी बुक में रहता है। इस पूरी प्रक्रिया में समय लगता है। ऐसे में हमारे लिए कारोबार करना मुश्किल है। इन्हीं परेशानियों के चलते हमने स्टॉक सीमा की जगह समय सीमा की मांग की है। समय सीमा नियम में सरकार यह कर दे कि खरीदारी के इतने दिनों के भीतर उस स्टॉक को निपटाना है। यह नियम हमारे लिए ज्यादा उपयुक्त होगा। इससे हम आसानी से स्टॉक भी खाली कर पाएंगे और मांग भी पूरी कर पाएंगे।
आयात पर रोक लगाने लगने के बाद आयकर विभाग ने नाशिक मंडी के कारोबारियों के यहां छापेमारी की थी जिससे नाराज होकर कारोबारियों ने प्याज की खरीदारी बंद कर दी थी। मंडी में प्याज की दोबारा नीलामी शुरू होने से आने वाले दिनों में प्याज के भाव कम होने की उम्मीद है। साथ ही केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतों को काबू करने के लिए 1 लाख टन का बफर स्टॉक भी जारी किया है। जिसका असर आने वाले दिनों में प्याज की कीमतों पर दिखेगा।
