चालू रबी सीजन में प्याज की बोआई ज्यादा हुई है, लेकिन इसकी पैदावार पिछले साल जितनी ही होने की संभावना है क्योंकि बीते महीनों में असमय बारिश से प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। हालांकि इस नुकसान के बावजूद पिछले साल जितनी पैदावार होने से देश में प्याज की कमी नहीं होने वाली है। पिछले रबी सीजन में प्याज का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ था। कुल प्याज उत्पादन का 65 फीसदी से अधिक प्याज रबी सीजन में होता है। इस प्याज का बारिश के महीनों में खपत के लिए भंडारण किया जाता है। रबी सीजन वाली नई प्याज अगले महीने से आने वाली है।
रबी सीजन में प्याज का रकबा बढ़ा
राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान व विकास प्रतिष्ठान (NHRDF) के कार्यकारी निदेशक पी के गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि चालू रबी सीजन में प्याज की बोआई 8 से 10 फीसदी ज्यादा होने की संभावना है। वर्ष 2021—22 में रबी सीजन में प्याज का रकबा 19.40 लाख हेक्टेयर था। वर्ष 2022—23 के रबी सीजन में यह रकबा बढकर 21 लाख हेक्टेयर से ज्यादा होने की संभावना है। भारतीय सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष व मुख्य प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र के किसान श्रीराम गाढवे कहते हैं कि इस रबी सीजन में किसानों ने खूब प्याज लगाया है। जिससे इस साल प्याज का रकबा ज्यादा है।
प्याज उत्पादन पिछले साल जितना होने का अनुमान
गुप्ता ने कहा कि रकबा बढ़ने के बावजूद प्याज का उत्पादन पिछले रबी सीजन जितना ही होने का अनुमान है। इसकी वजह बीते महीनों में असमय बारिश से प्याज की फसल को नुकसान हुआ है। गाढवे कहते हैं कि अगर बारिश से नुकसान नहीं हुआ होता तो इस रबी सीजन में भी प्याज का उत्पादन बढ़कर रिकॉर्ड स्तर को छू सकता था। लेकिन नुकसान के कारण पिछले साल जितना ही प्याज इस रबी सीजन में पैदा होने का अनुमान है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021—22 में देश में रिकॉर्ड 317 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था। इसमें रबी सीजन की हिस्सेदारी 200 से 210 लाख टन होगी।
