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Oil Prices: विदेशी बाजारों में दाम टूटने, आयात शुल्क में कटौती से बीते सप्ताह अधिकांश तेल-तिलहन में गिरावट

आवक कमजोर रहने के कारण सोयाबीन तिलहन, मूंगफली तिलहन और बिनौला तेल के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। मूंगफली तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

Last Updated- January 19, 2025 | 3:59 PM IST
Oil Prices: Most of the oil and oilseeds fell last week due to fall in prices in foreign markets and cut in import duty विदेशी बाजारों में दाम टूटने, आयात शुल्क में कटौती से बीते सप्ताह अधिकांश तेल-तिलहन में गिरावट

Oil Prices: विदेशों बाजारों में खाद्य तेलों का भाव टूटने तथा देश में आयात शुल्क मूल्य घटाये जाने के कारण बीते सप्ताह अधिकांश खाद्य तेल-तिलहनों के दाम हानि दर्शाते बंद हुए। इस दौरान सरसों तेल-तिलहन, सोयाबीन तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) एवं पामोलीन के दाम हानि दर्शाते बंद हुए। आवक कमजोर रहने के कारण सोयाबीन तिलहन, मूंगफली तिलहन और बिनौला तेल के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। मूंगफली तेल के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे।

बाजार के जानकार सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के पिछले सप्ताह जिस सीपीओ का दाम 1,175-1,180 डॉलर प्रति टन था वह घटकर 1,135-1,140 डॉलर प्रति टन रह गया। इसी प्रकार सोयाबीन डीगम तेल का दाम पहले के 1,155-1,160 डॉलर प्रति टन से घटकर 1,145-1,150 डॉलर प्रति टन रह गया। इसके अलावा आयात शुल्क मूल्य कम किये जाने की वजह से अधिकांश तेल-तिलहन कीमतों में गिरावट आई।

अगले महीने सरसों की नयी फसल 15 फरवरी तक आने की संभावनाओं के बीच सरसों तेल-तिलहन के दाम में बीते सप्ताह गिरावट देखी गई। किसानों के पास सरसों का पुराना स्टॉक काफी कम है जो कुछ स्टॉक बचा है वह हाफेड और नाफेड जैसी सहकारी संस्थाओं के पास है। सूत्रों ने कहा कि लागत से कम दाम पर बिकवाली से बचने की वजह से मंडियों में आवक कमजोर रहने के कारण सोयाबीन तिलहन के दाम में सुधार है।

दूसरी ओर विदेशी बाजारों में दाम में आई गिरावट और आयात शुल्क मूल्य (93 रुपये प्रति क्विंटल) घटाने के बीच सोयाबीन तेल कीमतों में कमी देखी गई। उन्होंने कहा कि सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) का भाव ऊंचा होने से इसके लिवाल नहीं हैं जिससे सोयाबीन तेल-पेराई संयंत्रों को भारी नुकसान है। इसके लिए नीतिगत तौर-तरीके अपनाकर बाजार बनाने की जरूरत है।

सोयाबीन किसान इसलिए परेशान हैं कि उनकी लागत नहीं निकल रही। पैसों की तंगी झेलने के कारण आयातकों को सोयाबीन डीगम तेल आयात की लागत से कम दाम पर बेचना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मूंगफली खल का दाम बढ़ने से मूंगफली तिलहन कीमतों में सुधार है। जबकि मूंगफली तेल के भाव पूर्वस्तर पर ही बने रहे।
विदेशों में दाम में आई गिरावट और आयात शुल्क मूल्य घटाये जाने से पाम, पामोलीन में भी गिरावट है। आवक घटने से बिनौला तेल के दाम सुधार दर्शाते बंद हुए। बीते सप्ताह सरसों दाने का थोक भाव 100 रुपये गिरावट के साथ 6,550-6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। सरसों दादरी तेल का थोक भाव 250 रुपये की गिरावट के साथ 13,550 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

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सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 40-40 रुपये के हानि के साथ क्रमश: 2,300-2,400 रुपये और 2,300-2,425 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 40-40 रुपये की बढ़त के साथ क्रमश: 4,375-4,425 रुपये और 4,075-4,175 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

दूसरी ओर, सोयाबीन दिल्ली एवं सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम क्रमश: 300 रुपये, 75 रुपये और 125 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 13,450 रुपये, 13,275 रुपये और 9,575 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।

समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तिलहन कीमत में पिछले सप्ताहांत के मुकाबले सुधार आया। मूंगफली तिलहन का भाव 75 रुपये सुधार के साथ 5,900-6,225 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। वहीं मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव क्रमश: 14,000 रुपये और 2,125-2,425 रुपये प्रति टिन पर अपरिवर्तित बंद हुए।

कच्चे पाम तेल (सीपीओ) का दाम 400 रुपये टूटकर 12,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव 150 रुपये टूटकर 14,050 रुपये प्रति क्विंटल तथा पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 200 रुपये टूटकर 13,100 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। समीक्षाधीन सप्ताह में बिनौला तेल 100 रुपये की तेजी के साथ 12,300 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।

First Published - January 19, 2025 | 3:59 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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