मौसम विभाग ने बताया है कि 26 मई से रुका हुआ मॉनसून 18 जून से मध्य और पूर्वी भारत में पहुंचने के साथ मजबूत वापसी कर सकता है। इसके एक हफ्ते बाद 25 जून उत्तर-पश्चिमी भारत के अधिकतर हिस्सों में इसके पहुंचने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि उत्तर-पश्चिम भारत में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के इलाके शामिल हैं, जहां लोग बीते कई दिनों से भीषण गर्मी का सामना कर रहे हैं। मौसम विभाग ने बताया कि अगले दो दिनों में उत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में गर्मी कम हो जाएगी और तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी।
मौसम विभाग ने कहा है कि कुल मिलाकर, 19 जून को समाप्त होने वाले सप्ताह के दौरान दक्षिण प्रायद्वीप को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से कम वर्षा हो सकती है। मॉनसून के जल्दी आने के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून में रुकावट से इसकी कमी करीब 34 फीसदी तक बढ़ गई जो, 9 जून तक करीब 25 फीसदी थी।
वहीं, लू के बारे में मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तर भारत में चल रही भीषण लू की स्थिति इसके बाद कम हो जाएगी। मौसम विभाग ने कहा, ‘उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में अगले दो-तीन दिनों में अधिकतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने जा रहा है और उसके बाद इसमें धीरे-धीरे 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आएगी। वहीं, पूर्वी भारत में भी अगले 24 घंटों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बदलाव नहीं होने की संभावना है और उसके बाद अगले चार दिनों तक इसमें 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की कमी आने लगेगी।’
मौसम विभाग ने 19 जून से शुरू होने वाले सप्ताह के बारे में कहा कि एक हफ्ता पहले के मुकाबले उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम तापमान में गिरावट की उम्मीद है। विभाग ने कहा, ‘उत्तर पश्चिम भारत (पश्चिमी हिमालय क्षेत्र और राजस्थान) के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के अधिकतर हिस्सों में इसके सामान्य से कम रहने के आसार हैं, जहां यह सामान्य के करीब रह सकता है।’
देश भर में जून से सितंबर के मौसम के बारे में मौसम विभाग ने इस साल के लिए अपने मॉनसून पूर्वानुमान को बदलकर दीर्घावधि औसत (एलपीए) के 106 फीसदी तक कर दिया है, जबकि अप्रैल में यह 105 फीसदी था। मौसम विभाग ने कहा कि जून में बारिश एलपीए के 108 फीसदी से सामान्य से अधिक रहेगी।