देश भर में मॉनसून के प्रसार के साथ हवा के गर्म थपेड़े ठंडे पड़े हैं। ऐसे में इस माह की शुरुआत से सोमवार तक बिजली की मांग में 12.5 प्रतिशत की गिरावट आई है। पिछले सप्ताह देश में बिजली की अधिकतम मांग रिकॉर्ड 210 गीगावॉट पर पहुंच गई थी। बढ़ती गर्मी और अर्थव्यवस्था खुलने के कारण मांग बढ़ी थी। इस माह की शुरुआत की तुलना में करीब सभी राज्यों में बिजली की मांग में गिरावट आई है।
बहरहाल पंजाब अपवाद है। राज्य में सोमवार को बिजली की मांग 1 जून की तुलना में ज्यादा थी। बुआई का सत्र 15 जून से शुरू होने के पहले धान की सिंचाई के लिए किसानों द्वारा पंप का बहुत ज्यादा इस्तेमाल इसकी एक वजह हो सकती है। गर्म हवा के थपेड़ों और तापमान 48 डिग्री सेल्सियस पहुंचने के कारण देश के कुछ इलाकों में बिजली की मांग तेज हुई है। कोयले की मांग व आपूर्ति में अंतर की वजह से कुछ राज्यों ने बिजली की कटौती भी की है, जिससे स्थिति पर काबू पाया जा सके।
बारिश में तेजी है, लेकिन पनबिजली उत्पादन को गति पकड़ना अभी बाकी है, जिससे बिजली आपूर्ति बास्केट में इसकी हिस्सेदारी बढ़ सके। पिछले 20 दिन से पनबिजली आपूर्ति 45 से 50 करोड़ यूनिट रही है। कोयला आधारित बिजली अभी प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
बहरहाल मॉनसूनी बारिश का देश के मध्य और उत्तरी हिस्से में आगे बढ़ने का सिलसिला जारी है और 21 जून तक भारत में बारिश की कमी 21 जून तक सामान्य से महज 2 प्रतिशत कम रह गई है। ऐसा इस महीने के शुरुआती 15 दिन में हुआ है। माह की शुरुआत तक सामान्य से 40 प्रतिशत कम बारिश हुई थी।
मॉनसून की शुरुआत में यह डर था कि बारिश के प्रदर्शन के कारण देश के कुछ हिस्सों में खरीफ की फसल प्रभावित हो सकती है। लेकिन पिछले कुछ दिन से बारिश बहुत तेजी से घाटे की भरपाई कर रही है और ऐसे में खरीफ की बुआई की रफ्तार तेजी पकड़ सकती है।
मॉनसून में पिछले 10 दिन में सुस्ती की प्रमुख वजह पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 2021 के पहले दिन में बारिश है जो सामान्य से 43 प्रतिशत अधिक रही है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून सामान्य से 43 प्रतिशत ऊपर रहा है।
मॉनसून के पहले पड़ने वाली फुहारों ने सेंट्रल व उत्तर भारत के इलाकों में बारिश में आई कुल कमी का अंतर घटाने में मदद मिली है। बहरहाल अगर आगे की स्थिति देखें तो भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि अगले 24 घंटे में पंजाब, हरियाणा, चंड़ीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में अच्छी बारिश की संभावना है और इससे बारिश में आई कमी की भरपाई हो सकेगी। वहीं अगले 5 दिन में मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ में गरज चमक के साथ बारिश की संभावना है।