facebookmetapixel
नवंबर में थोक महंगाई शून्य से नीचे, WPI -0.32 प्रतिशत पर रही; खाद्य तेल व दलहन पर निगरानी जरूरीई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर से भारत आएगा, NCLT ने दी मंजूरीघने कोहरे और गंभीर प्रदूषण से उत्तर भारत में 220 उड़ानें रद्द, दिल्ली में कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे अम्मान, भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता का नया अध्यायपहली छमाही की उठापटक के बाद शांति, दूसरी छमाही में सेंसेक्स-निफ्टी सीमित दायरे में रहेडॉलर के मुकाबले लगातार फिसलता रुपया: लुढ़कते-लुढ़कते 90.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंचाभारत के निर्यात ने रचा रिकॉर्ड: 41 महीने में सबसे तेज बढ़ोतरी से व्यापार घाटा 5 महीने के निचले स्तर परमनरेगा बनेगा ‘वीबी-जी राम जी’, केंद्र सरकार लाने जा रही है नया ग्रामीण रोजगार कानूनGST कटौती का असर दिखना शुरू: खपत में तेजी और कुछ तिमाहियों तक बढ़ती रहेगी मांगविदेशी कोषों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी का असर: शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद

2047 तट 50 करोड़ टन इस्पात उत्पादन का बनाएं लक्ष्य : मंत्री

Last Updated- December 11, 2022 | 8:30 PM IST

केंद्रीय इस्पात मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने रविवार को कहा कि देश को इस्पात का उत्पाद 2030 तक 30 करोड़ टन और 2047 तक 50 करोड़ टन तक पहुंचाने की रणीनति पर काम करने की जरूरत है। 2021-22 में इस्पात का उत्पाद 12 करोड़ टन रहा। उन्होंने कहा कि लौह अयस्क सहित अन्य कच्ची सामग्रियों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी उपयुक्त नीतिगत समर्थन की आवश्यकता है। इसके अलावा ग्रीन स्टील की तरफ बढऩे की तत्काल आवश्यकता है जो कि हाइड्रोजन पर सरकार के ध्यान के अनुरूप होगा। इसके परिणामस्वरूप लौह और इस्पात उद्योग को सबसे अधिक लाभ होगा क्योंकि कोयले का स्थान हाड्रोजन ले लेगी और कोयले के आयात पर उद्योग की निर्भरता में भी कमी आएगी।

First Published - March 27, 2022 | 11:34 PM IST

संबंधित पोस्ट