महाराष्ट्र ने पिछले वर्ष कृषि उत्पादन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की है। जिसमें खाद्यान्न उत्पादन में 27 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस वर्ष राज्य में 152 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसलें ली जाएंगी। राज्य में खरीफ सीजन के दौरान बीज और खाद की कालाबाजारी रोकने का काम एआई आधारित पोर्टल साथी करेगा, वहीं खेती और मौसम की पूरी जानकारी महाविस्तार ऐप पर मिलेगी। इस वर्ष राज्य ने एक लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
राज्यस्तरीय खरीफ सीजन की समीक्षा बैठक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि खेती में निवेश बढ़ाकर उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है, जिससे कृषि की स्थिरता भी बढ़ेगी । वर्तमान में 10,000 गांवों में एग्रीबिजनेस गतिविधियां शुरू हैं और हर तालुका में डिजिटल खेती विद्यालय आयोजित कर किसानों की भागीदारी बढ़ाई जाएगी । इस वर्ष औसत से अधिक बारिश का पूर्वानुमान है। इस अवसर का लाभ उठाने के लिए कृषि विभाग को तैयार रहने की जरूरत है। किसानों को साहूकारों से बचाने के लिए बैंकिंग व्यवस्था के तहत कर्ज उपलब्ध कराना आवश्यक है। यदि कंपनियां अनावश्यक बीज या खाद खरीदने के लिए दबाव डाल रही हों, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि खरीफ सीजन की शुरुआत हो रही और राज्य की कृषि प्रणाली पूरी तरह तैयार है। मौसम अनुकूल है, फिर भी बदलते मौसम की पृष्ठभूमि में कृषि विभाग की योजना अधिक जिम्मेदारी की मांग करती है। कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न कंपनियों से समझौते किए गए हैं और राज्य में नवाचारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। किसानों की समृद्धि और खुशहाली सुनिश्चित करने के लिए सभी विभागों को एक साथ मिलकर सरकार की नीतियों और योजनाओं को जमीन पर उतारने की आवश्यकता है।
वित्तमंत्री अजित पवार ने कहा कि बढ़ती जनसंख्या और शहरीकरण की पृष्ठभूमि में फार्म ऑफ द फ्यूचर जैसी नई संकल्पनाओं को लागू करने के लिए सरकार कटिबद्ध है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए कृषि योजनाओं में आधुनिक तकनीक का अधिकाधिक उपयोग किया जा रहा है। महाराष्ट्र में 50,000 किसानों के खेतों पर इन नवाचारों को लागू किया जा रहा है, जिससे उत्पादन में वृद्धि हो रही है। साथ ही, मार्केट इंटेलिजेंस और सप्लाई चेन के माध्यम से कृषि उत्पादों को उचित बाजार मूल्य दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।
कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे ने बताया कि महाराष्ट्र में पिछले वर्ष की तुलना में खाद्यान्न उत्पादन में 27 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस वर्ष राज्य में 152 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसलें ली जाएंगी। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत 6,750 गांवों के 13.5 लाख किसानों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इस वर्ष राज्य ने एक लाख करोड़ रुपये के कृषि उत्पादन का लक्ष्य रखा है। कृषि मंत्री ने बताया कि नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना और बालासाहेब ठाकरे स्मार्ट प्रकल्प के अंतर्गत हजारों गांवों को शामिल किया गया है। किसानों की सुरक्षा के लिए गोपीनाथ मुंडे दुर्घटना बीमा योजना में सुधार किया गया है और प्राकृतिक आपदाओं से पीड़ित किसानों को बड़े पैमाने पर सहायता वितरित की गई है। राज्य में कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए 5000 करोड़ रुपये के निवेश योजना स्वीकृत की गई है।
नकली बीजों पर रोक लगाने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के साथी पोर्टल पर बीजों की अनिवार्य पंजीकरण की प्रक्रिया लागू की है। इसके माध्यम से बीजों की ट्रेसिंग संभव होगी। इस वर्ष से सभी बीजों को साथी पोर्टल पर लाया जा रहा है और केंद्र ने भी इसे मंजूरी दी है। फिलहाल करीब 70,000 क्विंटल बीज पोर्टल पर उपलब्ध हैं और पूरी तरह ट्रेसेबल हैं। आगामी वर्ष से 100 फीसदी बीज इसी पोर्टल पर लाने का लक्ष्य है।
खाद की बिक्री में जबरन लिंकिंग की शिकायतें बार-बार मिल रही हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सख्त निर्णय लिया गया है। अब हर कृषि केंद्र के बाहर एक सूचना बोर्ड लगाया जाएगा, जिस पर शिकायत के लिए एक फोन नंबर होगा। यदि कोई लिंकिंग के लिए मजबूर करता है तो उस नंबर पर शिकायत करने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यदि कोई केंद्र आपूर्ति कंपनी के कहने पर लिंकिंग करता है, तो उस पर आवश्यक वस्तु अधिनियम या समान कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कृषि विभाग ने एआई आधारित महाविस्तार मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। इस ऐप में खेती से संबंधित पूरी जानकारी और वीडियो उपलब्ध हैं । फसल की बुवाई की विधि, कीट नियंत्रण, विभिन्न चरणों पर जरूरी उपाय इत्यादि। ऐप में चैटबॉट की सुविधा है, जिससे किसान किसी भी सवाल का उत्तर तुरंत पा सकते हैं। सरकार ने सभी किसानों से यह ऐप अपने मोबाइल पर डाउनलोड करने और उसका लाभ उठाने की अपील की। इस वर्ष हर तालुका में डिजिटल खेती पाठशालाएं आयोजित की जाएंगी। इन पाठशालाओं के माध्यम से किसानों को कीट नियंत्रण और फसल सुरक्षा के आधुनिक उपायों की जानकारी दी जाएगी।
किसानों को कृषि ऋण के समय बैंकों द्वारा सिबिल स्कोर की शर्त नहीं रखी जाएगी। इस बारे में बैंकों को निर्देश दे दिए गए हैं। यदि किसी शाखा में सिबिल की शर्त रखी जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा मौसम में हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए संभावित आपदाओं की पूर्व चेतावनी देने के लिए भारतीय मौसम विभाग की मदद से एक प्रणाली विकसित की गई है, जिससे किसानों को समय पर सूचना दी जा सकेगी।
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