जब दुनिया की अर्थव्यवस्था अनिश्चितता से घिरी हो, ब्याज दरों में लगातार बदलाव हो रहे हों और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव तेज हो। तब निवेशक किस पर भरोसा करें? केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का जवाब साफ है: ‘ऐसे समय में सबसे भरोसेमंद निवेश सोना और चांदी ही हैं। ये हमेशा संपत्ति को सुरक्षित रखते हैं।’
अजय केडिया के मुताबिक़, “सोना और चांदी ने हर दौर में निवेशकों की पूंजी को बचाया है। चाहे युद्ध का समय रहा हो, महंगाई बढ़ी हो या रुपये की कीमत गिरी हो — इन धातुओं ने हमेशा भरोसा दिया है। इनकी कीमतें सिर्फ आज के हालात की वजह से नहीं बढ़ रहीं, बल्कि ये सदियों से सुरक्षित निवेश का प्रतीक रही हैं।” उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीनों में सोना-चांदी की कीमतों में तेज़ बढ़ोतरी हुई है, लेकिन आने वाले समय में थोड़ी गिरावट या स्थिरता आ सकती है। उन्होंने कहा, “ऐसा करेक्शन बाजार के लिए अच्छा होता है, क्योंकि इससे लंबी अवधि का रुझान मजबूत बनता है,”
केडिया का कहना है कि इस समय Systematic Investment Plan (SIP) के ज़रिए निवेश करना सबसे समझदारी भरा कदम है। उन्होंने बताया, “पिछले एक साल में चांदी की कीमत करीब 100% और सोने की लगभग 70% बढ़ी है। ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव आना सामान्य है। SIP से निवेशक हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम लगाकर अनुशासित तरीके से निवेश कर सकते हैं और कीमतों के उतार-चढ़ाव का औसत निकालकर बेहतर रिटर्न पा सकते हैं।”
वे कहते हैं कि अगर बाजार में किसी समय तेज गिरावट दिखे तो निवेशक उस समय थोड़ा अतिरिक्त निवेश कर सकते हैं। लेकिन नियमित SIP जारी रहना जरूरी है ताकि मौके हाथ से न निकलें।
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फिजिकल और डिजिटल गोल्ड में से कौन बेहतर है, इस पर अजय केडिया का कहना है कि निवेशक को पहले यह तय करना चाहिए कि वह सोना क्यों खरीद रहा है। उन्होंने कहा, “अगर सोना किसी भावनात्मक वजह, जैसे शादी, त्योहार या गिफ्ट के लिए लिया जा रहा है, तो फिजिकल गोल्ड ठीक है। लेकिन अगर मकसद निवेश से मुनाफा कमाना है, तो Gold ETFs, Sovereign Gold Bonds (SGBs) या मल्टी-एसेट म्यूचुअल फंड जैसे डिजिटल विकल्प ज्यादा समझदारी भरे हैं।”
केडिया के मुताबिक, डिजिटल निवेश आज के समय में ज़्यादा आसान और फायदेमंद है। उन्होंने कहा, “डिजिटल गोल्ड पारदर्शी होता है, इसमें सोने को सुरक्षित रखने या स्टोरेज की कोई परेशानी नहीं होती। इसके अलावा, Sovereign Gold Bonds (SGBs) में निवेश करने पर निवेशकों को ब्याज का अतिरिक्त फायदा भी मिलता है।”
केडिया ने बताया कि आज के दौर में सोना-चांदी को निवेश पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा बनाना ज़रूरी है। उन्होंने कहा, “पहले 5–6% का आवंटन काफी माना जाता था, लेकिन अब निवेशकों को कम से कम 12–15% इन धातुओं में लगाना चाहिए। जो निवेशक थोड़ा ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं, वे इसे 18–20% तक बढ़ा सकते हैं,”
उन्होंने यह भी सलाह दी कि निवेशक गोल्ड म्युचुअल फंड या मल्टी-एसेट फंड के जरिए निवेश करें ताकि प्रोफेशनल मैनेजमेंट और बेहतर लिक्विडिटी मिले।
पिछले एक महीने में सोना और चांदी दोनों की कीमतों में पहले तेज बढ़ोतरी हुई, लेकिन बाद में हल्की गिरावट देखी गई। घरेलू बाजार (एमसीएक्स) और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में ही रुझान लगभग एक जैसा रहा। अक्टूबर के मध्य तक दोनों धातुओं में तेजी बनी रही, जिसके बाद कीमतों में मामूली करेक्शन आया, जिसे विशेषज्ञ स्वस्थ बाजार सुधार मान रहे हैं।

सितंबर की शुरुआत से सोने की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी गई। अक्टूबर के पहले हफ्ते तक सोने के भाव तेजी से ऊपर गए और ऊंचे स्तर पर पहुंचे। इसके बाद, अक्टूबर के मध्य में कीमतों में थोड़ी गिरावट आई, यानी बाजार में हल्का करेक्शन हुआ।
हालांकि अक्टूबर के आखिर तक फिर से थोड़ा सुधार दिखा, यानी कीमतों में मामूली बढ़त दर्ज हुई। कुल मिलाकर, चार्ट से यह साफ है कि सोने के दामों में तेजी के बाद थोड़ी नरमी आई है, लेकिन रुझान अभी भी ऊपर की दिशा में बना हुआ है।

सितंबर की शुरुआत से चांदी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हुई और अक्टूबर के पहले हफ्ते तक यह तेजी जारी रही। इसके बाद कीमतें अपने उच्च स्तर पर पहुंचकर नीचे आने लगीं — यानी बाजार में हल्का करेक्शन देखा गया। अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में चांदी की कीमतों में थोड़ा सुधार दिखाई दिया, यानी गिरावट के बाद अब मामूली रिकवरी देखने को मिल रही है। कुल मिलाकर, चार्ट बताता है कि चांदी में तेज उछाल के बाद अब बाजार स्थिरता की ओर बढ़ रहा है।
अजय केडिया का कहना है कि आज की हालत में सोना और चांदी सबसे भरोसेमंद निवेश हैं। उन्होंने कहा, “अभी दुनिया की अर्थव्यवस्था कमजोर चल रही है, इसलिए लोगों को अपने पैसे ऐसे निवेश में लगाने चाहिए जो सुरक्षित हों। सोना और चांदी दोनों लंबे समय से भरोसेमंद रहे हैं। ये कीमत गिरने पर भी पूरी तरह बेकार नहीं होते।”
वे सलाह देते हैं कि थोड़ा-थोड़ा करके हर महीने SIP में निवेश करना अच्छा रहेगा। इससे पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है और जोखिम भी कम रहता है। उनका कहना है, “अब निवेश डिजिटल तरीके से करना आसान है। मोबाइल या बैंक से ही Gold ETF या Sovereign Gold Bond में निवेश किया जा सकता है। ये ज़्यादा सुरक्षित हैं और इन पर ब्याज भी मिलता है।” अजय केडिया ने कहा, “सोना और चांदी सिर्फ आभूषण नहीं हैं। मुश्किल वक्त में ये आपकी संपत्ति की सुरक्षा करते हैं।”