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स्मार्ट परियोजना के तहत कपास, हल्दी और मक्का फसलों के लिए हेजिंग डेस्क शुरू

महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में कृषि की हिस्सेदारी लगभग 12 फीसदी है, परंतु उत्पादन आज भी काफी हद तक मौसम पर निर्भर है।

Last Updated- June 27, 2025 | 3:39 PM IST
Turmeric price hike

किसानों को उनकी उपज का उचित बाजार मूल्य मिले और उनकी आमदनी बढ़े, इसके लिए राज्य सरकार महत्वपूर्ण कदम उठाया है। महाराष्ट्र सरकार ने मातोश्री बालासाहेब ठाकरे कृषि व्यवसाय और ग्रामीण परिवर्तन (स्मार्ट) परियोजना के अंतर्गत पुणे में हेजिंग डेस्क की शुरुआत की है। पहले चरण में यह डेस्क कपास, हल्दी और मक्का जैसी फसलों पर केंद्रित रहेगा। आने वाले समय में इसे अन्य फसलों के लिए भी विस्तारित किया जाएगा।

नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX) और उसकी अनुसंधान संस्था एनआईसीआर के सहयोग से शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य किसानों को कीमतों में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान से बचाना है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसे कृषि क्षेत्र के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया । विश्व बैंक के सुझावों और परियोजना कार्यान्वयन योजना के अनुसार, किसानों और एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) को बाजार जोखिम से बचाने, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने के लिए यह हेजिंग डेस्क स्थापित किया गया है। हेजिंग डेस्क पर एफपीओ और सीबीबीओ (क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन) को कमोडिटी बाजार और जोखिम प्रबंधन की विशेषज्ञ जानकारी दी जाएगी।

बाजार की अनिश्चितता से किसानों को राहत

महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था में कृषि की हिस्सेदारी लगभग 12 फीसदी है, परंतु उत्पादन आज भी काफी हद तक मौसम पर निर्भर है। किसानों को अपनी उपज के उचित मूल्य की चिंता हमेशा रहती है। राज्य सरकार ने अब किसानों के सीमित संसाधनों और बाजार ज्ञान को ध्यान में रखते हुए पुणे में एक समर्पित कृषि हेजिंग डेस्क की स्थापना की है, ताकि उन्हें समय पर जानकारी और सुरक्षा मिल सके।

3000 से अधिक किसानों को हेजिंग और जोखिम प्रबंधन के प्रशिक्षण दिए जाएंगे। किसानों और एफपीओ को रियल-टाइम मार्केट इंटेलिजेंस, वैश्विक कीमतें, और बाजार के रुझानों की जानकारी दी जाएगी। कृषि भंडारण केंद्रों की स्थापना हेतु एफपीओ को प्रोत्साहन दिया जाएगा। एक जोखिम प्रबंधन कक्ष बनाया जाएगा जो विभिन्न जोखिमों का विश्लेषण करेगा और समाधान हेतु रणनीतियां बनाएगा। कपास, मक्का और हल्दी के लिए वार्षिक मूल्य जोखिम मूल्यांकन रिपोर्ट तैयार की जाएंगी। कमोडिटी डेरिवेटिव्स पर जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण शिविर होंगे। कम से कम 50 एफपीओ को वायदा बाजार में पंजीकरण कराकर सौदे करवाए जाएंगे।

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एनसीडीईएक्स और स्मार्ट परियोजना का सहयोग

8 अप्रैल 2025 को एनसीडीईएक्स और स्मार्ट परियोजना के बीच किसान उत्पादक संगठनों के लिए हेजिंग डेस्क स्थापित करने के लिए समझौता हुआ था । इसका मुख्य फोकस कपास, हल्दी और मक्का उत्पादक क्षेत्रों के एफपीओ और किसानों पर रहेगा। हिंगोली, वाशिम, सांगली, यवतमाल, अकोला, नांदेड, अमरावती, छत्रपती संभाजीनगर और बीड जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसका कार्यालय पुणे में है और कार्य शुरू हो चुका है।

हेजिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग से किसानों को होंगे लाभ

महाराष्ट्र के किसानों के लिए चयनित कृषि वस्तुओं पर हेजिंग और ऑप्शन ट्रेडिंग से कई सकारात्मक प्रभाव होंगे। किसान फसल की बिक्री कीमत पहले से तय कर सकेंगे। यदि बाजार में उतार-चढ़ाव भी हो, तो उन्हें न्यूनतम कीमत की गारंटी मिलेगी। इससे उन्हें स्थिर आमदनी और बेहतर वित्तीय योजना बनाने में मदद मिलेगी। किसान अपनी खेती में अधिक निवेश के लिए प्रेरित होंगे।

हेजिंग डेस्क क्या है?

हेजिंग यानी जोखिम से बचाव की रणनीति। जैसे खेत की सुरक्षा के लिए बाड़ लगाई जाती है, वैसे ही बाजार की अनिश्चितता से किसानों को सुरक्षा देने वाला उपकरण हेजिंग है। इसका उद्देश्य भविष्य में कीमतों में गिरावट से होने वाली हानि को कम करना है। ऑप्शन ट्रेडिंग के ज़रिए किसान फसल की न्यूनतम कीमत तय कर सकते हैं।

First Published - June 27, 2025 | 3:39 PM IST

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