Kharif sowing 2023: चालू खरीफ सीजन में शुरू में पिछड़ने वाली दलहन फसलों की बोआई में अब सुधार देखा गया। हालांकि खरीफ फसलों की बोआई खत्म हो चुकी है। लेकिन सरकार द्वारा बोआई के आंकड़े अभी जारी किए जा रहे हैं। एक सितंबर तक जारी बोआई के आंकड़ों में दलहन फसलों के रकबा में 8.48 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी, जो अब घटकर 5 फीसदी से भी कम रह गई है।
केंद्र सरकार के कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार 22 सितंबर तक 122.57 लाख हेक्टेयर में दलहन फसलें बोई जा चुकी हैं, जो पिछली समान अवधि से 4.61 फीसदी कम हैं। इस सप्ताह तक अरहर की बोआई 5.14 फीसदी घटकर 43.69 लाख हेक्टेयर, उड़द की 1.57 फीसदी घटकर 32.79 लाख हेक्टेयर और मूंग की 6.95 फीसदी घटकर 31.56 लाख हेक्टेयर रही।
मॉनसून में देरी के बावजूद धान के रकबा में बढ़ोतरी देखी गई है। इस साल 22 सितंबर तक 411.52 लाख हेक्टेयर में धान की बोआई हो चुकी है, जो पिछली समान अवधि में 400.72 लाख हेक्टेयर में बोई गई धान से 2.70 फीसदी अधिक है। इस खरीफ सीजन में कपास का रकबा 3.25 फीसदी घटकर 123.42 लाख हेक्टेयर रहा, जबकि गन्ना के रकबा में 7.64 फीसदी इजाफा हुआ है।
Also read: Wheat: सरकार ने कीमतें काबू में रखने को खुले बाजार में 18.09 लाख टन गेहूं बेचा
इस खरीफ सीजन में तिलहन फसलों के रकबा में 1.62 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। अब तक 192.91 लाख हेक्टेयर में तिलहन फसलें बोई जा चुकी हैं। पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 196.08 लाख हेक्टेयर था। खरीफ सीजन की सबसे बड़ी तिलहन फसल सोयाबीन की बोआई 0.65 फीसदी बढ़कर 125.59 लाख हेक्टेयर और अरंडी का रकबा 2.52 फीसदी बढ़कर 9.47 लाख हेक्टेयर हो गया। हालांकि मूंगफली, सूरजमुखी, तिल जैसी अन्य तिलहन फसलों के रकबा में गिरावट आई है।
इस बीच, मोटे अनाजों के कुल रकबा में इजाफा हुआ है। इस खरीफ सीजन में अब तक 186.07 लाख हेक्टेयर में मोटे अनाजों की बोआई हो चुकी है। जो पिछली समान अवधि से 1.27 फीसदी ज्यादा है। मक्का की बोआई में 3.22 फीसदी, रागी की बोआई में एक फीसदी और बाजरा की बोआई में आधा फीसदी इजाफा हुआ है। हालांकि ज्वार के रकबा में 9 फीसदी कमी आई है।