केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां नवंबर 2021 से अप्रैल 2024 के बीच पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) और डीलरों के बीच ‘मार्जिन’ के संबंध में बातचीत को प्रोत्साहित कर रही है।
पुरी ने कहा कि पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान पेट्रोल और डीजल को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि नियंत्रण मुक्त करने का मतलब है कि बाजार में उस ‘कमोडिटी’ की कीमतें सरकार द्वारा निर्धारित नहीं की जाती हैं।
पुरी ने कहा, ‘‘कहीं कीमतें अधिक हैं और कहीं कम हैं। यह बिल्कुल विपरीत है। भारत में आज कीमतें सबसे कम हैं और यह एकमात्र देश है, जहां कीमतें वास्तव में कम हुई हैं।’’ उन्होंने कहा कि इसका श्रेय प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए बहुत ही साहसिक, महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी निर्णयों को जाता है।
मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में पेट्रोल की कीमत में 13.65 प्रतिशत और डीजल की कीमत में 10.97 प्रतिशत की कमी आई है।’’
उन्होंने कहा कि फ्रांस में पेट्रोल की कीमत में 22.19 प्रतिशत, जर्मनी में 15.28 प्रतिशत, इटली में 14.82 प्रतिशत, स्पेन में 16.58 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पुरी ने यह भी बताया कि भारत में कीमतों में गिरावट आई है, जबकि पड़ोसी देशों में दरें बढ़ी हैं। मंत्री ने तेल बॉन्ड जारी करने के लिए संप्रग सरकार पर भी हमला किया।
उन्होंने कहा, ‘‘1.41 लाख करोड़ रुपये के तेल बॉन्ड जारी किए गए थे। आज हमें उस तरह के दूरदर्शी निर्णय के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये वापस करने पड़ रहे हैं।’’
डीलरों के ‘मार्जिन’ में वृद्धि पर पुरी ने कहा कि यह तेल विपणन कंपनियों और उन डीलरों के बीच एक वाणिज्यिक संविदात्मक स्थिति है, जिन्हें वे उस अनुबंध के हिस्से के रूप में नियुक्त करते हैं। एक जुलाई, 2024 की स्थिति के अनुसार देश में 90,639 खुदरा दुकानें हैं, जिनमें से लगभग 90 प्रतिशत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की हैं और बाकी निजी क्षेत्र की कंपनियों की हैं।
उन्होंने कहा ‘‘हम इस पर नज़र रख रहे हैं, ओएमसीज और डीलरों के बीच चर्चा चल रही है। पिछली बार मार्जिन में वृद्धि 2017 में की गई थी। यह मामला अभी विचाराधीन है, लेकिन हम ओएमसीज और डीलरों के बीच बातचीत को प्रोत्साहित कर रहे हैं और हम चाहेंगे कि वे किसी निष्कर्ष पर पहुंचें ।’’