facebookmetapixel
Editorial: बाजार में एसएमई आईपीओ की लहरराष्ट्र की बात: कहानियां गढ़ने में डीपफेक से पैदा हुई नई चुनौतीजलवायु परिवर्तन नहीं सत्ता परिवर्तन असल मुद्दा!क्विक कॉमर्स में स्टार्टअप की नई रणनीतिपिछड़ा अरट्टई, व्हाट्सऐप फिर नंबर एक; एआई सर्च इंजन परप्लेक्सिटी ने भारतीयों का ध्यान ज्यादा खींचा‘पाक से रिश्ते भारत की कीमत पर नहीं’…अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा – भारत के साथ हमारी दोस्ती गहरीसिल्क सिटी भागलपुर के रेशम का घुट रहा दम, ट्रंप टैरिफ से बढ़ी गर्दिशसस्ते आयात से स्टील के दाम पर दबाव की आशंका, उद्योग के साथ महत्त्वपूर्ण बैठक करेगा इस्पात मंत्रालयपोर्टल पर हो नौकरियों का सटीक आंकड़ा, श्रम मंत्रालय से मजबूत तंत्र विकसित करने का आग्रहभारत बनेगा खिलौनों का ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब, ₹13000 करोड़ की योजना पर काम कर रही सरकार

भारत विश्व की एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जहां पेट्रोल, डीजल के दाम घटे; सरकार ने किया दावा

गोपी ने बताया कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर नवंबर 2021 और मई 2022 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: 13 रुपये प्रति लीटर और 16 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी।

Last Updated- July 22, 2024 | 5:32 PM IST
Representative Image

सरकार ने सोमवार को दावा किया कि भारत विश्व की एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जहां हाल के वर्षों में पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह भी बताया कि भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरत का 85 फीसदी से अधिक भाग आयात करता है।

उन्होंने बताया कि कच्चे तेल के मूल्य में वर्ष 2019 की तुलना में दोगुना से अधिक की वृद्धि हुई है और दाम अस्थिर बने हुए हैं। गोपी ने कहा कि भारत विश्व की एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जहां हाल के वर्षों में पेट्रोल और डीजल के दाम कम हुए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार ने आम लोगों को उच्च अंतरराष्ट्रीय मूल्यों के प्रभाव से बचाने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर अप्रत्याशित कर, घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व के प्रावधानों को लागू करना और पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण बढ़ाना आदि शामिल हैं।

गोपी ने बताया कि केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर नवंबर 2021 और मई 2022 में केंद्रीय उत्पाद शुल्क में क्रमश: 13 रुपये प्रति लीटर और 16 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी। उन्होंने कहा, ‘‘इसका लाभ पूरी तरह से उपभोक्ताओं को दिया गया था।’’ उन्होंने कहा कि कुछ राज्य सरकारों ने भी नागरिकों को राहत देने के लिए राज्य वैट दरें घटाई हैं।

First Published - July 22, 2024 | 5:32 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट