facebookmetapixel
NBFC Stock पर ब्रोकरेज ने चला दांव, BUY की दी सलाह; कहा- लॉन्ग टर्म में छिपा है मुनाफाछोटी IT कंपनियां को लगेगा H-1B वीजा फीस का झटका! बड़ी कंपनियों पर क्यों दिखेगा कम असरAmazon और Flipkart का फेस्टिवल धमाका, ₹1.2 लाख करोड़ के शॉपिंग सीजन के लिए वार रूम तैयारAtlanta Electricals IPO: ₹142 पर पहुंच गया GMP, 24 सितंबर तक कर सकेंगे अप्लाई; जानें क्या करती है कंपनीJio Payments Bank का ‘सेविंग्स प्रो’ लॉन्च, अतिरिक्त पैसों पर मिलेगा 6.5% तक ब्याज$1 लाख की H1-B वीजा फीस का भारतीय आईटी सेक्टर पर होगा मामूली असर: नैसकॉमAmazon-Flipkart पर अर्ली एक्सेस सेल शुरू; स्मार्टफोन, TV और AC पर 80% तक छूटGST 2.0 के बाद RBI देगा दिवाली तोहफा! SBI रिपोर्ट का अनुमान- रीपो रेट में और हो सकती है कटौतीAdani Power Share: अचानक ऐसा क्या हुआ कि 20% उछला स्टॉक, निवेशकों में खरीदने की मची लूटGold-Silver price today: नवरात्रि के पहले दिन ऑल टाइम हाई पर चांदी, सोने का भाव 1,10,600 पर

नारियल तेल छोड़कर अन्य सभी खाद्य श्रेणी के वनस्पति तेल का आयात नियंत्रण मुक्त

नारियल ( कोपरा) तेल का आयात केवल सरकारी व्यापारिक उद्यमों (फर्मों) के माध्यम से ही करने की अनुमति दी गई है।

Last Updated- October 27, 2023 | 11:35 PM IST
Edible oil

खाद्य तेलों के दामों में गिरावट को ध्यान में रखते हुए वाणिज्य विभाग ने पाम कर्नेल तेल और पाम स्टीयरिन पर आयात प्रतिबंध हटा दिया है। अब इन तेलों को स्वतंत्र रूप से आयात किया जा सकता है।

इसमें नारियल तेल, आरबीडी पाम तेल, आरबीडी पाम स्टेरिन तथा पाम कर्नेल तेल शामिल नहीं है। नारियल ( कोपरा) तेल का आयात केवल सरकारी व्यापारिक उद्यमों (फर्मों) के माध्यम से ही करने की अनुमति दी गई है।

वाणिज्य मंत्रालय के अधीनस्थ निकाय- विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वारा 26 अक्टूबर 2023 को जारी एक अधिसूचना जारी करके कहा कि मौजूदा समय में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 में शामिल सभी तेलों और साथ ही साथ सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टेड ऑयल, द ऑयल्ड मील एंड एडिबल फ्लोर कंट्रोल आर्डर, 1967 की तीसरी अनुसूची में वर्णित मानकों की अभिपुष्टि करने वाले सभी साल्वेंट एक्सट्रैक्टेड तेलों का आयात पूरी तरह मुक्त रूप से किया जा रहा है मगर इसमें नारियल तेल, आरबीडी पाम तेल, आरबीडी पाम स्टेरिन तथा पाम कर्नेल तेल शामिल नहीं है। नारियल तेल का आयात केवल सरकारी व्यापारिक उद्यमों (फर्मों) के माध्यम से ही करने की अनुमति दी गई है।

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कि सरकार के मुताबिक संशोधन का उद्देश्य आयात नियमों को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) मानकों के साथ संरेखित करना है। संशोधित नीति शर्तों के तहत, एफएसएसएआई नियमों के अनुरूप परिष्कृत वनस्पति तेल और विलायक-निकाले गए तेल सहित अधिकांश वनस्पति तेल, स्वतंत्र रूप से आयात योग्य हैं।

नारियल/खोपरा तेल के आयात मैं कोई भी बदलाव न करते हुए राज्य व्यापार उद्योगों के माध्यम से ही करने की अनुमति दी गई है है। यह संशोधन सुनिश्चित करता है कि आयातित वनस्पति तेल खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देते हुए एफएसएसएआई मानकों का पालन करते हुए आयत की जा सकती है ।

ठक्कर ने कहा कि मौजूदा नीति में पाम समूह के तेलों के आयात को नियंत्रित सूची में रखा गया था लेकिन संशोधित नीति में इसके आयात को नियंत्रण मुक्त कर दिया गया है। यह अधिसूचना विभिन्न वनस्पति तेलों के लिए आयात नीतियों को सरल और स्पष्ट करती है यह स्वागत योग्य कदम है। इससे खाद्य सुरक्षा के उच्च मानकों को कायम रखते हुए सुचारू आयात संचालन की सुविधा मिलने की उम्मीद है।

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) द्वारा हाल में जारी रिपोर्ट में कहा गया था कि चालू वर्ष में नवंबर-सितंबर अवधि के दौरान कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात क्रमशः 38.87 मीट्रिक टन और 1.79 मीट्रिक टन था । पिछले साल निर्यात 14 मीट्रिक टन था।

एडिबल ऑयल के आयात की मात्रा 2016-17 के बाद से सबसे अधिक होने की उम्मीद है जब देश ने 15.1 मीट्रिक टन तेल आयात किया था। चालू तेल वर्ष में नवंबर-सितंबर के दौरान खाद्य तेल का आयात पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 20 फीसदी बढ़कर 15.46 मीट्रिक टन हो गया है।

मौजूदा वर्ष में अब तक कुल खाद्य तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी बढ़कर 59 फीसदी हो गई है, जो पिछले वर्ष 55 फीसदी थी। एसईए ने पामोलीन तेल में वृद्धि के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया है, जो घरेलू खाद्य तेल शोधन क्षमता के लिए गंभीर खतरा है। चालू वर्ष में नवंबर-सितंबर अवधि के दौरान कच्चे सोयाबीन और सूरजमुखी का आयात क्रमशः 38.87 मीट्रिक टन और 1.79 मीट्रिक टन था ।

उद्योग के सूत्रों ने कहा कि पर्याप्त घरेलू उपलब्धता के बावजूद, घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में तेज गिरावट ने मांग को बढ़ा दिया है और हाल के महीनों में घरेलू खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट के साथ प्रति व्यक्ति खपत में वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में सितंबर 2023 में खुदरा सरसों तेल की कीमतों में 18.44 फीसदी की गिरावट आई। खाद्य तेल की वैश्विक कीमतों में गिरावट और आयात में वृद्धि के कारण रिफाइंड तेल (सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम) में भी पिछले वर्ष की तुलना में पिछले महीने 22.6 फीसदी की गिरावट आई है।

First Published - October 27, 2023 | 11:35 PM IST

संबंधित पोस्ट