जीरे के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं। महीने भर में जीरा 35 फीसदी तक महंगा हो चुका है और इसके वायदा भाव 35,000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर को पार कर चुके हैं। आगामी नई फसल के कमजोर होने की संभावना के मद्देनजर जीरे की कीमतों में तेजी आ रही है। दाम तेजी से बढ़ने के कारण वायदा बाजार में इसके कारोबार पर 2.5 फीसदी मार्जिन लगा दिया गया है। जिससे पता चल सके कि जीरे के दाम मांग व आपूर्ति के कारण ही बढ़ रहे हैं या फिर सटोरिये दाम बढा रहे हैं।
महीने भर में जीरा 35 फीसदी तक हुआ महंगा
वायदा बाजार एनसीडीईएक्स में एक दिसंबर को जीरे का जनवरी अनुबंध 25,455 रुपये प्रति क्विंटल के भाव पर बंद हुआ था, जो आज खबर लिखे जाने के समय दिन के 34,410 रुपये प्रति क्विंटल के उच्च स्तर को छू गया। मार्च अनुबंध तो 35,840 रुपये प्रति क्विंटल के उच्च स्तर तक पहुंच गया। एक महीने में जीरे का वायदा भाव करीब 35 फीसदी और मंडी में थोक भाव 30 फीसदी चढ चुके हैं।
फसल कमजोर होने की चिंता में महंगा हो रहा जीरा
ओरिगो कमोडिटीज में सीनियर मैनेजर (कमोडिटी रिसर्च) इंद्रजीत पॉल ने बताया कि गुजरात में जीरे की बोआई 6 फीसदी कम हुई है। राजस्थान में प्रतिकूल मौसम के कारण जीरे की उत्पादकता में कमी आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। ऐसे में फरवरी-मार्च में आने वाली जीरे की नई फसल कमजोर होने की संभावना है। इस वजह से जीरे की कीमतों में लगातार तेजी आ रही है।
वायदा भाव 35,000 रुपये प्रति क्विंटल पार गए हैं, जबकि उंझा मंडी में हाजिर भाव 29,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके हैं। दिसंबर महीने से ये भाव 30 फीसदी बढ़ चुके हैं। वर्ष 2021-22 में 6.29 लाख टन जीरे का उत्पादन हुआ था, जो वर्ष 2020-21 के उत्पादन 7.95 लाख टन से काफी कम था।
इंडिया इन्फोलाइन के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) व जिंस विश्लेषक अनुज गुप्ता कहते हैं कि उत्पादन घटने की आशंका के बीच जीरे के दाम बढ़ रहे हैं। पिछले साल भी उत्पादन घटने के कारण कैरी ओवर स्टॉक कम होने से भी जीरे की कीमतों में तेजी आई है।
जीरे के वायदा कारोबार पर लगा 2.5 फीसदी मार्जिन
जीरे के वायदा भाव महीने भर में तेजी से बढ़ने के कारण एनसीडीईएक्स में इसके वायदा कारोबार पर 2.5 फीसदी Event based Additional Surveillance Margin (E-ASM) लगा दिया गया है। जो 2 से 23 जनवरी के दौरान लागू रहेगा। पॉल कहते हैं कि मार्जिन यह पता लगाने के लिए लगाया गया है कि जीरे की वायदा कीमतों में तेजी मांग व आपूर्ति के असंतुलन के कारण ही आ रही है या फिर सटोरिये दाम बढा रहे हैं।