भारत का पहला फ्लोटिंग स्टोरेज ऐंड रीगैसिफिकेशन यूनिट (एफएसआरयू) महाराष्ट्र के एच-एनर्जी के जयगढ़ टर्मिनल पर पहुंच गया है। एच-एनर्जी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि एफएसआरयू होएग जायंट को सिंगापुर के केपेल शिपयार्ड से रवाना किया गया था और वह सोमवार को महाराष्ट्र के जयगढ़ टर्मिनल पर पहुंच गया।
बयान में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) टर्मिनल का पहला वर्ष भी है। यह एलएनजी टर्मिनल भारत के पश्चिमी तट पर महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले के जेएसडब्ल्यू जयगढ़ बंदरगाह पर स्थित है। यह बंदरगाह महाराष्ट्र में गहरे समुद्र में सातो दिन चौबीसो घंटे परिचालन करने वाला निजी क्षेत्र का पहला बंदरगाह है।
बयान में कहा गया है, ‘2017 में निर्मित होएग जायंट में 1,70,000 घन मीटर की भंडारण क्षमता है और प्रति दिन 75 करोड़ घन फुट (प्रति वर्ष लगभग 60 लाख टन के बराबर) की स्थापित रीगैसीफिकेशन क्षमता है। एच-एनर्जी ने इस एफएसआरयू को 10 वर्षों के लिए लिया है।’
बयान में कहा गया है, ‘होएग जायंट 56 किलोमीटर लंबी जयगढ़-दाभोल प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के जरिये रीगैसीफाइड एलएनजी की आपूर्ति करेगी। यह पाइपलाइन इस एलएनजी टर्मिनल को राष्ट्रीय गैस ग्रिड से जोड़ती है। यह संयंत्र ऑनशोर वितरण के लिए ट्रक लोडिंग प्रतिष्ठान के जरिये भी एलएनजी की आपूर्ति करेगा। यह संयंत्र बंकरिंग सेवाओं के लिए एलएनजी को छोटे जहाजों में भरने में भी समर्थ है।’
एच-एनर्जी ने कहा कि वह इस एफएसआरयू से छोटे जहाजों में एलएनजी को दोबारा भरते हुए इस क्षेत्र में एक छोटा एलएनजी बाजार भी विकसित करना चाहती है।