facebookmetapixel
घने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राहTata Power ने रचा इतिहास, राजस्थान में 1 गीगावॉट सौर परियोजना की सफल शुरुआत

Chana Price: भंडारण सीमा का खास असर नहीं, महंगा हो सकता है चना

Chana Price: 21 जून को भंडारण सीमा लगने के बाद चना के भाव गिरे थे। लेकिन अब मांग बढ़ने से सुधरे भाव।

Last Updated- July 01, 2024 | 5:02 PM IST
Chana import duty

Chana Price: केंद्र सरकार ने पिछले महीने चना की कीमतों में आ रही तेजी को नियंत्रित करने के लिए इस पर भंडारण सीमा लगाई थी। लेकिन इस सीमा का चना की कीमतों पर खास असर नहीं पड़ा। सीमा लगने के दो-तीन दिन दाम गिरने के बाद अब फिर से बढ़ने लगे हैं। जानकारों के मुताबिक आगे चना की कीमतों में तेजी आ सकती है।

भंडारण सीमा का क्या हुआ चना की कीमतों पर असर?

केंद्र सरकार ने 21 जून को चना पर भंडारण सीमा लगाने का घोषणा की थी और इस दिन दिल्ली में चना की कीमत 7,150 रुपये प्रति क्विंटल थी। इस सीमा लगने के बाद अगले 3 दिनों तक चने के भाव सुस्ती के साथ कारोबार करते हुए 25 जून को 6,975 रुपये प्रति क्विंटल तक गिर गए। लेकिन इसके बाद चना की कीमतों में गिरावट थमकर तेजी आने लगी। दिल्ली में आज चना की कीमत 7,050 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज की गई। इस तरह गिरावट के बाद चना के भाव करीब 75 रुपये क्विंटल सुधर चुके हैं।

कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने कहा कि भंडारण सीमा लगने से पहले भी चना के भाव घटे थे और इस सीमा के बाद थोड़े और घट गए। लेकिन चना की कम आपूर्ति होने के कारण इसके भाव में अब सुधार देखने को मिल रहा है।

Also read: Commercial LPG: गैस सिलेंडर की कीमत 30 रुपये घटाई गई! देखें नए रेट

जिंसों की आवक के आंकड़े रखने वाली एजेंसी एगमार्कनेट के अनुसार मई महीने में करीब 3.43 लाख टन चने की आवक हुई हुई थी, जबकि जून महीने में यह गिरकर करीब 1.47 लाख टन रह गई।

India Pulses and Grains Association (IPGA) के मुताबिक भी भंडारण सीमा के बाद चना के भाव में गिरावट के बाद अब निचले भाव पर मिलों की मांग बढ़ने से कीमतों में तेजी आई है।

आगे क्या रह सकते हैं चना के भाव?

IPGA की रिपोर्ट में कहा गया है कि आगे पूरे देश में बारिश होने के बाद बेसन की मांग बढ़ सकती है। ऐसे में मिलों की ओर से चने की खरीद भी बढ़ेगी। जिससे आने वाले दिनों में चना की कीमतों में तेजी की संभावना है। हालांकि सस्ती और नई पीली मटर के आयात की संभावना से चना की कीमतों में इजाफा सीमित ही होगा।

पॉल ने कहा कि चना का उत्पादन कम होने से आगे भी इसकी आपूर्ति कमजोर ही रहने वाली है, जबकि मौसम ठंडा होने से बेसन की खपत बढ़ने से इसकी मांग बढ़ने वाली है। ऐसे में चना की कीमतों में तेजी का रुख देखने को मिल सकता है।

First Published - July 1, 2024 | 5:02 PM IST

संबंधित पोस्ट