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2021-22 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.24 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव

Last Updated- December 12, 2022 | 8:57 AM IST

सरकार ने 2021-22 के लिए स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र के लिहाज से सोमवार को 2,23,846 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय का प्रस्ताव रखा। इसमें मौजूदा वित्त वर्ष के 94,452 करोड़ रुपये के बजट परिव्यय की तुलना में 137 प्रतिशत का इजाफा प्रस्तावित है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में अगले वित्त वर्ष के लिए कोविड-19 के टीकों के लिहाज से 35,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव भी रखा तथा देशभर में न्यूमोकोकल टीकों को उपलब्ध कराये जाने की घोषणा भी की जिससे हर साल 50,000 से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकेगी। वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए आम बजट प्रस्तुत करते हुए कहा, ‘‘मैंने 2021-22 के लिए कोविड-19 टीकों के वास्ते 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा है। मैं जरूरत पड़ने पर और धन देने की प्रतिबद्धता जताती हूं।’’ उन्होंने कहा कि भारत पहले ही कोविड-19 के दो टीकों के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुका है और देश में जल्द ही दो और टीकों को टीकाकरण अभियान में शामिल किया जा सकता है। न्यूमोकोकल टीका निमोनिया, सेप्टीसीमिया और मेनिन्जाइटिस जैसे घातक संक्रमणों के खिलाफ प्रभावी होता है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘भारत में निर्मित न्यूमोकोकल का टीका अभी केवल पांच राज्यों में ही सीमित है। इसे पूरे देश में उपलब्ध कराया जाएगा।’’ सीतारमण ने कहा कि इससे देश में हर साल 50,000 से अधिक बच्चों की जान बचाई जा सकेगी। 

उज्ज्वला योजना में एक करोड़ और लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा

सरकार ने सोमवार को कहा कि मुफ्त रसोई गैस एलपीजी योजना (उज्ज्वला) का विस्तार किया जाएगा तथा एक करोड़ और लाभार्थियों को इसके दायरे में लाया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने सोमवार को इसकी घोषणा की। वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ईंधन की अबाधित आपूर्ति जारी रखी गयी। उन्होंने कहा कि घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंचाने और वाहनों को सीएनजी मुहैया कराने के सिटी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार कर 100 और जिलों को इसके दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वहन क्षमता के नियमन की खातिर परिवहन प्रणाली आपरेटर (टीएसओ) की भी घोषणा की।  

लघु उद्योग की परिभाषा में अब दो करोड़ तक के पूंजी निवेश वाली कंपनियां

सरकार ने सोमवार को कहा कि लघु उद्योगों की परिभाषा में संशोधन किया जाएगा और इनके मौजूदा 50 लाख रुपये के पूंजी आधार को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 के आम बजट में वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर शुरू करने का प्रस्ताव भी रखा। उन्होंने कहा कि बैंकों की फंसे कर्ज की समस्याओं से निपटने के लिए एक परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनी स्थापित की जाएगी, वहीं नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की रूपरेखा को मजबूत किया जाएगा। 

विनिवेश से 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य 

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार का अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को बजट 2021-22 में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसई) नीति पेश करते हुए कहा कि चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य क्षेत्रों की सरकारी कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा। यह नीति रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में विनिवेश की स्पष्ट रूपरेखा पेश करेगी। उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष में आईडीबीआई बैंक, बीपीसीएल, शिपिंग कॉरपोरेशन, नीलाचल इस्पात निगम लि. और अन्य कंपनियों का विनिवेश किया जाएगा। इसके अलावा एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए विधायी संशोधन भी 2021-22 में लाए जाएंगे। सीतारमण ने बताया कि नीति आयोग को रणनीतिक विनिवेश के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र कंपनियों की अगली सूची पर काम करने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के स्वामित्व वाली जमीनों के मौद्रिकरण (बिक्री/पट्टेदारी) के लिए एक विशेष इकाई (एसपीवी) बनाई जाएगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने अपने पिछले 2020-21 के बजट में निजीकरण और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री से 2.1 लाख्र करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा था। सरकार अभी तक चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों में अल्पांश हिस्सेदारी की बिक्री और शेयर पुनर्खरीद से 19,499 करोड़ रुपये जुटा पाई है। 

First Published - February 1, 2021 | 4:12 PM IST

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