Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को न्यूक्लियर एनर्जी मिशन का ऐलान किया, जिसमें छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स के रिसर्च और डेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है।
उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISC) में अगले पांच सालों के दौरान टेक्नोलॉजी रिसर्च के लिए 10,000 फेलोशिप देने की भी घोषणा की।
इसके अलावा, उन्होंने नेशनल स्पैशियल मिशन शुरू करने का प्रस्ताव दिया और ग्यान भारत मिशन की शुरुआत करने की बात कही, जिसका उद्देश्य भारत की प्राचीन पांडुलिपियों की सर्वे, डोक्युमेंटेशन और प्रिजर्वेशन करना होगा।
आठवीं बार बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा, “हम पावर सेक्टर में सुधार लाने के लिए राज्यों को अतिरिक्त उधारी की सुविधा देंगे। जो राज्य बिजली वितरण सुधारों और इंफ्रा बढ़ाने में सक्रिय होंगे, उन्हें उनके GSDP का 0.5% अतिरिक्त उधारी का मौका मिलेगा। इससे बिजली कंपनियों की फाइनेंशियल कंडीशन और उनकी कैपेसिटी में सुधार होगा।”
2047 तक 100GW न्यूक्लियर ऊर्जा का लक्ष्य
सीतारमण ने कहा कि विकसित भारत (Viksit Bharat) के लिए 2047 तक 100 गीगावॉट (GW) परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य बेहद जरूरी है। इसके लिए सरकार निजी कंपनियों के साथ एक्टिव पार्टनरशिप की दिशा में कदम बढ़ाएगी। Atomic Energy Act और Civil Liability for Nuclear Damage Act में संशोधन किया जाएगा ताकि प्राइवेट सेक्टर को इसमें इन्वॉल्व किया जा सके।
सीतारमण ने आगे बताया कि न्यूक्लियर एनर्जी मिशन के तहत पांच Small Modular Reactors देश में विकसित किए जाएंगे, जो 2033 तक पूरी तरह ऑपरेशनल हो जाएंगे। इसके जरिए न केवल देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जाएगा, बल्कि पावर ट्रांजिशन की दिशा में भी बड़ा कदम होगा।
फिलहाल भारत की कुल पावर जनरेशन कैपेसिटी 462 GW है, जिसमें से 8 GW न्यूक्लियर पावर से आता है। लेकिन आने वाले समय में न्यूक्लियर एनर्जी देश की ऊर्जा ट्रांजिशन में बड़ी भूमिका निभाने वाली है।
फरवरी पिछले साल, सरकार ने 18 और न्यूक्लियर पावर रिएक्टर्स जोड़ने की घोषणा की थी, जिनकी कुल क्षमता 13,800 मेगावॉट बिजली उत्पन्न करने की होगी।