वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान की तुलना में वित्त वर्ष 25 के अंतरिम बजट में आगामी वित्त वर्ष के लिए भोजन, उर्वरक और ईंधन की कम सब्सिडी का प्रस्ताव रखा गया है, लेकिन इसमें वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान की तुलना में एक महत्वपूर्ण तत्व शामिल है और वह है – ईंधन सब्सिडी के लिए भारी आवंटन।
ईंधन सब्सिडी में यह बढ़ोतरी मोदी सरकार की महिला समर्थक पहल प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के 10.3 करोड़ लाभार्थियों के लिए अक्टूबर 2023 में घोषित अतिरिक्त 100 रुपये प्रति सिलिंडर की सब्सिडी के कारण है। उस समय तक पीएमयूवाई लाभार्थियों को 200 रुपये की सब्सिडी पर सिलिंडर मिलता था। देश में 31.4 करोड़ एलपीजी कनेक्शनों में से लगभग 33 प्रतिशत उज्ज्वला लाभार्थियों का है।
अक्टूबर 2023 से दिल्ली में पीएमयूवाई के एक लाभार्थी के लिए 12 सिलिंडर की औसत लागत 600 रुपये प्रति सिलेंडर है, जबकि बाजार मूल्य 900 रुपये है। इसके अलावा अक्टूबर में मंत्रिमंडल ने 1,650 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2025-26 तक के 3 साल के लिए 75 लाख नए एलपीजी कनेक्शनों के जरिये पीएमयूवाई का दायरा बढ़ाया है।
पीएमयूवाई (PMUY) की घोषणा मई 2022 में एक प्रमुख योजना के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य उन ग्रामीण और वंचित परिवारों को खाना पकाने का एलपीजी जैसा स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराना था, जो खाना पकाने के पारंपरिक ईंधन जैसे जलाऊ लकड़ी, कोयला, उपले आदि का उपयोग कर रहे थे। इस योजना की शुरुआत में 2022-23 के लिए 12 रीफिल तक नौ करोड़ लाभार्थियों को शामिल किया गया।
अन्य सब्सिडी की बात करें तो वित्त वर्ष 25 के लिए उर्वरक सब्सिडी 1.64 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है, जो वित्त वर्ष 24 के संशोधित अनुमान से 13.18 प्रतिशत कम है। यह सरकार की इस उम्मीद को दर्शाती है कि यूरिया, डीएपी और अन्य उर्वरक के दाम वित्त वर्ष 25 में अपने मौजूदा स्तर से कम रहेंगे।
खाद्य सब्सिडी के मामले में केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 25 के अंतरिम बजट में 2.05 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी तय की है, जो वित्त वर्ष 24 के संशोधित अनुमान से कुछ अधिक है।