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कुछ यह भी जानिए

Last Updated- December 05, 2022 | 4:23 PM IST

आय करःयह आय पर लगने वाला कर है। कम आय की कुछ सीमा तक यह शून्य होता और आय अधिक होने पर यह उच्च कर के दायरे में आ जाता है।
मुद्रास्फीतिःयह कीमतों में वृध्दि को दर्शाता है। मुद्रास्फीति का आकलन कुछ खास पैमानों पर किया जाता है जिनमें उपभोक्ता मूल्य सूचकांक प्रमुख है।
अप्रत्यक्ष करः कारखानों में बनी वस्तुओं , तथा आयातित और निर्यातित चीजों पर लगने वाला कर। इसमें उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क शामिल है।
मोडवैटःमोडीफाइड वैल्यू एडेड टैक्स यानी संशोधित मूल्य वर्ध्दित कर वस्तुओं के अंतिम निर्माताओं को कुछ राहत मिलती है। यह राहत आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दिए जाने वाले उत्पाद कर पर मिलती है।
गैर-योजना खर्चः ब्याज की अदायगी पर राजस्व और पूंजी खर्च, रक्षा खर्च, सब्सिडी, पोस्टल घाटा, पुलिस, पेंशन, आर्थिक सेवाओं, सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए दिए जाने वाले ऋण शामिल होते हैं।
नेट फॉरेन एक्सचेंज एसेट्सःबैंकों, जिनमें आरबीआई और वाणिज्यिक बैंक शामिल हैं, के साथ शुद्ध विदेशी विनिमय।
शुद्ध गैर-मौद्रिक देनदारियांःयह बैंकिंग क्षेत्र, जिनमें वाणिज्यिक बैंक की जमा देनदारियों और आरबीआई की शुद्ध गैर-मौद्रिक देनदारियों से संबद्ध है।
परफारमेंस बजटःयह विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के कार्यक्रमों और कार्यकलापों की गतिविधियों का लेखा-जोखा है।
प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपीःदेश की आबादी का प्रति सदस्य का वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद। कुल आबादी की गणना के आधार पर इसका निर्धारण किया जाता है। 
क्रय शक्ति समानता (पीपीपीः पीपीपी मुद्रा परिवर्तन की दर है जिसमें विभिन्न मुद्राओं की खरीदारी शक्ति को समान रूप से शामिल किया जाता है। दूसरे शब्दों में पीपीपी मुद्रा परिवर्तन की दर है जो विभिन्न देशों के बीच कीमत स्तर में अंतर को दूर करती है।

First Published - February 28, 2008 | 6:09 PM IST

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