भारत में बनी कॉम्पैक्ट SUV जिम्नी नॉमेड (Jimny Nomad) की तगड़ी डिमांड के दम पर सुजुकी मोटर कॉर्प ने जून 2025 में मर्सडीज -बेंज को पीछे छोड़ते हुए जापान में सबसे बड़ी कार आयात करने वाली कंपनी बन गई। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुतबिक, जापान ऑटोमोबाइल इंपोर्टर्स एसोसिएशन के आंकड़े बताते हैं कि सुजुकी ने जून में कुल 4,780 व्हीकल्स आयात किये। यह सालाना आधार पर 230 गुना की ग्रोथ है। यह इस साल दूसरी बार है जब सुजुकी जापान में सबसे बड़ी कार आयातक बनी है। इससे पहले, जापानी ऑटो कंपनी ने पहली बार यह उपलब्धि अप्रैल में हासिल की थी।
Jimny Nomad सुजुकी की लोकप्रिय ऑफरोडर का फाइव-डोर ववर्जन है। इसके अप्रैल में लॉन्च होते ही जापान में खरीददारी की होड़ मचा दी थी। 26.5 लाख जापानी येन (करीब 18,300 डॉलर) कीमत वाली इस गाड़ी को कुछ ही दिनों में 50,000 प्री-बुकिंग मिलीं, जबकि कंपनी की मासिक बिक्री का लक्ष्य सिर्फ 1,200 यूनिट्स था। बुकिंग की बाढ़ के चलते लॉन्च के चार दिन बाद ही नई बुकिंग को अस्थायी रूप से रोकना पड़ा।
जबरदस्त मांग को पूरा करने के लिए सुजुकी ने भारत में जिम्नी नॉमेड का प्रोडक्शन इस महीने से बढ़ाने की योजना बनाई है। भारत में बनी एक और SUV फ्रॉन्क्स ने भी सुजुकी के आयात को बढ़ाने में योगदान दिया है। इसे अक्टूबर में जापान के पोर्टफोलियो में शामिल किया गया था हालांकि जापान में भारतीय प्रोडक्शन से सुजुकी को लाभ मिल रहा है, लेकिन इसकी भारतीय इकाई मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) को घरेलू बाजार में सुस्ती का सामना करना पड़ रहा है।
जापान में सुजुकी की बढ़त कस्टमर्स के रुख में बड़े बदलाव को दिखाते हैं। कार्नोरामा के विश्लेषक ताकेशी मियाओ ने ब्लूमबर्ग से कहा, “जापानी उपभोक्ताओं के लिए यह खास मायने नहीं रखता कि वाहन थाईलैंड, भारत या जापान में बना है, अगर उन्हें वह मॉडल पसंद आता है।” उन्होंने बताया कि जनरल मोटर्स (GM) और फोर्ड जैसी अमेरिकी कंपनियां अब भी जापान-फ्रेंडली छोटी कारें पेश करने में विफल रही हैं, जिससे उन्हें जापानी बाजार में सफलता नहीं मिल पाई।
होंडा भी भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम का लाभ उठा रही है। भारत में बनी WR-V ने 2024 में होंडा के जापान आयात को 22 गुना बढ़ा दिया। इससे होंडा ने 2025 की पहली तिमाही में जापान में टॉप इंपोर्टर की जगह हासिल की। WR-V को पिछले साल जापान में 21 लाख येन कीमत पर लॉन्च किया गया था।
हालांकि H1 2025 के दौरान मर्सडीज -बेंज जापान की सबसे बड़ी कार आयातक बनी रही, जिसकी 25,016 यूनिट्स की इंपोर्ट हुई। इसके बाद होंडा (~22,000 यूनिट्स) और फिर सुजुकी का स्थान रहा। निसान का स्थान नवां रहा, जिसकी थाईलैंड में बनी किक्स क्रॉसओवर ने जापान में जगह बनाई। अमेरिकी ब्रांड्स में स्टेलांटिस की जीप ने 4,000 से ज्यादा यूनिट्स के साथ GM और फोर्ड को पीछे छोड़ा।
मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड ने जून 2025 में कुल बिक्री में 6% की सालाना गिरावट दर्ज की है। कंपनी ने 1,67,993 यूनिट्स की बिक्री की, जो एक साल पहले जून में 1,79,228 यूनिट्स थी। घरेलू पैसेंजर व्हीकल डिस्पैच 13% घटकर 1,18,906 यूनिट्स रहा। इसकी मुख्य वजह छोटी कारों की बिक्री में तेज गिरावट रही।
मारुति सुजुकी इंडिया के सीनियर एग्जीक्यूटिव ऑफिसर राहुल भारती ने पहले बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया था, “पैसेंजर व्हीकल बिक्री में सुस्ती मुख्य रूप से छोटी कारों की भारी गिरावट के कारण है। यह स्पष्ट रूप से अफॉर्डेबिलिटी का मुद्दा है।” उन्होंने बताया कि 2019 के बाद से एंट्री-लेवल कारों की इंडस्ट्री वाइड कीमतों में 70% से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, जबकि छोटी कारों की बिक्री 70% से ज्यादा गिर गई है। हालांकि, कंपनी ने यह भी बताया कि जून 2025 में उसके निर्यात में तेजी आई है, जो 31,033 यूनिट्स से बढ़कर 37,842 यूनिट्स हो गया।
SUV सेगमेंट में हुंडई मोटर इंडिया की मिड-साइज़ SUV क्रेटा जून 2025 में 15,786 यूनिट्स की बिक्री के साथ भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली पैसेंजर गाड़ी रही, जो मारुति डिज़ायर (15,484 यूनिट्स) से मामूली आगे रही। कैलेंडर वर्ष 2025 की पहली छमाही में क्रेटा 1,00,560 यूनिट्स की बिक्री के साथ दूसरी सबसे ज्यादा बिकने वाली गाड़ी रही, जबकि पहले स्थान पर वैगन आर (1,01,424 यूनिट्स) रही।