ऑटोमोबिली लैम्बोर्गिनी एशिया पैसिफिक के क्षेत्रीय निदेशक फ्रांसेस्को स्कार्दोनी ने बुधवार को बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि वाहनों पर ऊंचे आयात शुल्क से देशों को प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनने में मदद नहीं मिलती है और इसका न केवल कॉरपोरेट आपूर्ति श्रृंखला पर बल्कि उपभोक्ताओं पर भी ‘बुरा प्रभाव’ पड़ता है।
लैम्बोर्गिनी इटली के सैंट अगाटा बोलोग्नीस के अपने कारखाने में कारें बनाती है। भारत मौजूदा समय में वाहनों की पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (सीबीयू) पर 110 प्रतिशत तक का आयात शुल्क लगाता है। यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ मौजूदा व्यापार वार्ताओं के तहत भारत ने सीबीयू पर आयात शुल्क घटाकर 10-20 फीसदी तक किए जाने का प्रस्ताव किया है।
आयात शुल्कों में प्रस्तावित कटौती के बारे में पूछे जाने पर स्कार्दोनी ने कहा, ‘हमारी हालात पर नजर है। हमारा मानना है कि मुक्त व्यापार समझौता ही अर्थव्यवस्था को प्रतिस्पर्धी बना सकता है और यह उपयोगकर्ता, ग्राहकों, खासकर मोटर वाहन क्षेत्र के लिए फायदेमंद हो सकता है क्योंकि वहां आपूर्ति श्रृंखला बहुत लंबी है और हमारी कारों पर टैरिफ बहुत ज्यादा हैं।’
उन्होंने कहा, ‘वाहन को ग्राहकों के लिए ज्यादा आकर्षक बनाने के प्रयास में भारत सरकार का यह मजबूत कदम होगा। इसलिए, हम देशों के बीच मुक्त व्यापार का पूरी तरह से समर्थन कर रहे हैं। हमारा मानना है कि देशों के बीच टैरिफ से प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बनने में मदद नहीं मिलेगी।’
स्कार्दोनी ने लैम्बोर्गिनी की नई कार टेमेरारियो पेश करने के बाद अखबार से बात की। इस कार की शुरुआती कीमत 6 करोड़ रुपये (एक्स-शोरूम) है। हाइब्रिड स्पोर्ट्स कार 343 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड पर चल सकती है और महज 2.7 सेकंड में 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। कंपनी ने वर्ष 2024 में भारत में 113 कारें बेचीं जो सालाना आधार पर 10 फीसदी की वृद्धि है। हालांकि अन्य देशों की तुलना में इस इतालवी कार निर्माता के लिए भारत छोटे बाजारों में से एक है।