भारत के वाहन उद्योग को अगले 5 साल में सभी दोपहिया व तिपहिया वाहनों के विद्युतीकरण का लक्ष्य बनाने की जरूरत है।
नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत ने सोमवार को काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट ऐंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) के कार्यक्रम ‘नैशनल डायलॉग ऑन इमर्जिंग ट्रेंड्स इन ई-मोबिलिटी’ में यह कहा।
भारत के जी-20 के शेरपा कांत ने कहा, ‘इससे न सिर्फ वायु प्रदूषण घटाने में मदद मिलेगी बल्कि सुनिश्चित होगा कि हम इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहन बनाने में अग्रणी हैं। किसी भी सभ्य समाज में सार्वजनिक परिवहन सेवा की अहम भूमिका होती है।’
ई-मोबिलिटी को गति देने के लिए वित्तपोषण की बात करते हुए कांत ने कहा कि शुरुआती नुकसान की गारंटी, ऋण बढ़ाने और मिश्रित वित्तपोषण को लेकर व्यवस्था बनाने की जरूरत है, जिससे निजी पूंजी प्रवाह को बढ़ावा दिया जा सके।
कांत ने कहा कि हमें हमें 50 लाख फास्ट चार्जरों का लक्ष्य रखने के साथ बैटरी स्वैपिंग और स्थानीय विनिर्माण के लिए पीएलआई पर जोर देने की जरूरत है।
कांत ने सीईईडब्ल्यू सेंटर फार एनर्जी फाइनैंस (सीईईडब्ल्यू-सीईएफ) की स्वतंत्र रिपोर्ट ‘ग्रीनिंग इंडियाज ऑटोमोटिव सेक्टर’ को भी जारी किया।