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लेखक : तमाल बंद्योपाध्याय

आज का अखबार, लेख

आरबीआई की सक्रियता उसके और बैंकों के लिए अच्छी

बैंक गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) छुपाने में माहिर रहे हैं। 2011 तक कोर बैंकिंग सिस्टम (सीबीएस) आने के बाद भी एनपीए की पहचान के लिए बैंक तकनीक का इस्तेमाल नहीं कर रहे थे। शाखा से लेकर मुख्यालयों तक बैंकों ने तकनीक के बजाय मानव संपर्क का सहारा लिया। काफी कुछ ‘व्याख्या’ पर भी निर्भर था। भारतीय […]

आज का अखबार, लेख

आरबीआई ने बदले निगरानी के तौर-तरीके

क्या भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों का सूक्ष्म प्रबंधन करना शुरू कर दिया है? मैंने पिछले वर्ष दिसंबर में ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड बैंकिंग सम्मेलन’ में अनौपचारिक चर्चा के दौरान गवर्नर शक्तिकांत दास से यह प्रश्न पूछ दिया था। मेरा प्रश्न सुनकर वह अचरज में दिखे। उन्होंने कहा, ‘मैं पहली बार ऐसा सुन रहा हूं।’ दास […]

आज का अखबार, लेख

वास्तविक ब्याज दर की असल कहानी

इन दिनों सावधि जमा पर बैंक ऊंची ब्याज दरों की पेशकश कर रहे हैं। एक से दो वर्ष की अवधि की सावधि जमा पर ब्याज दर 8 प्रतिशत या इससे ऊपर तक पहुंच गई है। बैंकों के बीच जमा रकम के लिए आपाधापी चल रही है और लगभग सभी बैंक बचतकर्ताओं को आकर्षित करने में […]

आज का अखबार, लेख

मार्च के बाद थम सकता है शानदार मुनाफे का दौर

भारतीय बैंकों के लिए दमदार मुनाफा कमाना कोई नई बात नहीं रह गई हैं। हरेक तिमाही में उनका प्रदर्शन निखरता ही जा रहा है। निजी क्षेत्र के दो बैंकों- येस बैंक और बंधन बैंक लिमिटेड- और सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) को छोड़कर सभी सूचीबद्ध बैंकों ने दिसंबर तिमाही में शानदार मुनाफा अर्जित […]

आज का अखबार, लेख

बैंकिंग साख : अदाणी मामले का भारतीय बैंकों के लिए निहितार्थ

अदाणी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद बैंकिंग क्षेत्र को लेकर भी तरह-तरह की बातें होने लगी हैं। इस रिपोर्ट में अदाणी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। चूंकि, भारतीय बैंकों ने अदाणी समूह को कर्ज दे रखे हैं, इसलिए बैंकिंग तंत्र पर संभावित असर से जुड़ी अटकलों का बाजार […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, लेख

अगली बैठक में पॉलिसी रेट में इजाफा रुकेगा!

किसी को यह उम्मीद नहीं रही होगी कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इससे बेहतर कदम उठाएगा। आरबीआई की दरें तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने नीतिगत दरों (Policy Rate) में एक बार फिर 25 आधार अंकों का इजाफा किया है। मई 2022 में दरों में इजाफे का सिलसिला शुरू होने के बाद यह […]

अर्थव्यवस्था, आज का अखबार, बजट, लेख

​रिजर्व बैंक बढ़ा सकता है 25 आधार अंक

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौ​द्रिक नीति समिति इस सप्ताह ज​ब वित्त वर्ष 2023 की अंतिम बैठक करेगी तो वह नीतिगत दरों पर भी निर्णय लेगी। केंद्रीय बजट हाल ही में पेश किया गया है और चार वै​श्विक केंद्रीय बैंकों ने पिछले पखवाड़े दरों को लेकर कदम उठाए हैं। बैंक ऑफ कनाडा ने अपनी मानक […]

आज का अखबार, बजट, संपादकीय

बैंकिंग क्षेत्र को बजट का करना चाहिए स्वागत

प्रत्येक वर्ष फरवरी में राजकोषीय-मौद्रिक मोर्चे पर दो महत्त्वपूर्ण आयोजन होते हैं। यह वर्ष भी कोई अपवाद नहीं है। बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 का बजट पेश होने के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दरों की समीक्षा करेगी। यह चालू वित्त वर्ष में समिति की आखिरी बैठक […]

आज का अखबार, लेख

जब केंद्रीय भूमिका में आता है मध्य वर्ग

आमतौर पर केंद्रीय बजट के पहले इस स्तंभ में हम यह चर्चा करते थे कि अगले वित्त वर्ष में सरकार की संभावित उधारी क्या हो सकती है और बॉन्ड प्रतिफल पर इसका क्या असर हो सकता है। परंतु इस बार हम एक अन्य विषय पर बात करेंगे। इसकी प्रेरणा है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का […]

आज का अखबार, लेख

जमा रकम पाने के लिए बैंकों में बढ़ेगी होड़

बैंकों में जमा रकम का अंबार लगाने की होड़ लगी हुई है। वरिष्ठ बैंक अधिकारियों को भी याद नहीं कि जमा रकम के लिए बैंकों के बीच इतनी आपा-धापी कब दिखी थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को वर्ष 1990 के मध्य में सावधि जमा पर ब्याज दर तय करने की छूट दी थी। […]

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