Opinion: चीन के संकटग्रस्त होने की हकीकत
हाल के दिनों में चीन की आलोचना करने का चलन सा हो गया है। पश्चिमी मीडिया लगातार उसके खिलाफ नकारात्मक आलेख और टिप्पणियां प्रकाशित करता रहा है। फाइनैंशियल टाइम्स से लेकर द इकॉनमिस्ट और द वॉल स्ट्रीट जर्नल तक में हर सप्ताह एक नई नकारात्मक कवर स्टोरी या पॉडकास्ट नजर आता है जिसमें चीन के […]
Opinion: पूंजी का ज्वार और भारत का बाजार
हाल में मुझे अपने मित्र रामदेव अग्रवाल के एक सम्मेलन में उनका प्रेजेंटेशन देखने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कुछ दिलचस्प आंकड़े साझा किए और भारत में खुदरा इक्विटी क्रांति पर अपने विचार बताए। यह बहुत ही दिलचस्प प्रेजेंटेशन था, जिसने मुझे बचत में जोरदार उछाल के असर पर सोचने को विवश किया। रामदेव ने जिन […]
Opinion: निवेशकों के लिए बनी दुविधा जैसी स्थिति
इस समय निवेशक एक खास दुविधा से गुजर रहे है। भारत की बड़ी तस्वीर शायद ही इससे बेहतर नजर आई हो। उभरते बाजारों के कमजोर प्रदर्शन के दौर में भारत हर वृहद मानक पर बेहतर नजर आ रहा है। फिर चाहे बात शीर्ष से नीचे तक के वृहद आर्थिक आंकड़ों की हो, चालू खाते के […]
Opinion: अमेरिका में मंदी की आशंका और बाजार का प्रदर्शन
बाजार के आश्चर्यजनक रूप से मजबूत प्रदर्शन के बीच निवेशक अमेरिका में मंदी की संभावनाओं पर प्रश्न उठा रहे हैं। इतिहास बताता है कि अभी सतर्क रहने की आवश्यकता है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश वर्ष 2023 की पहली छमाही में दुनिया भर में जोखिम वाली परिसंपत्तियों के प्रदर्शन और अमेरिकी अर्थव्यवस्था तथा रोजगार बाजार […]
डॉलर का वैश्विक मुद्रा का दर्जा रहेगा कायम
पिछले कुछ समय में टिप्पणीकारों के बीच अमेरिकी डॉलर (Dollar) चर्चा का विषय रहा है। यह चर्चा इसके वैश्विक आरक्षित मुद्रा के दर्जे और उसकी वजह से अमेरिका को मिलने वाले लाभ पर केंद्रित रही। वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में अमेरिका का योगदान जहां 25 फीसदी है, वहीं इसकी वास्तविक आर्थिक शक्ति बहुत अधिक है […]
पैसा लगाने के लिए निवेशकों का भारत को लेकर बदलता नजरिया
बीते एक माह के दौरान मुझे अनेक निवेशकों से मिलने का अवसर मिला जिन्होंने काफी समय और प्रयास भारत के बारे में दीर्घकालिक नजरिया बनाने में दिया है। उनमें से कई ने भारत में कई सप्ताह का समय बिताया तथा तमाम अंशधारकों, निवेशकों, नीति निर्माताओं और कॉर्पोरेट जगत के नेताओं से मुलाकात की। निवेशकों का […]
वैश्विक बाजारों को याद रहेगा मार्च
मार्च में व्यवस्था की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण वित्तीय संस्थानों का पतन हुआ और बॉन्ड बाजार में सफाया देखने को मिला। यह सावधानी बरतने का वक्त है। बता रहे हैं आकाश प्रकाश आखिरकार मार्च का महीना खत्म हो गया। यह ऐसा महीना था जब वित्तीय बाजार में तनाव था और वह अतिरंजित कदम उठा रहा था। […]
मौजूदा परिस्थितियों में सराहनीय प्रयास
बुधवार को संसद में प्रस्तुत वित्त वर्ष 2023-24 के बजट के बारे में मैं यह कहूंगा कि मोदी सरकार के शासनकाल के बेहतर बजट में से एक है। वर्तमान वित्त मंत्री ने अब तक जितने बजट पेश किए हैं उनमें संभवत: यह सबसे शानदार है। बजट में ऐसी कोई बात नहीं कही गई है जिससे […]
पूरी तरह साफ नहीं हुआ है परिदृश्य
वर्ष 2022 में दुनिया भर में परिसंपत्ति का भारी नुकसान देखने को मिला। वर्ष के अंत में शेयरों और बॉन्ड दोनों में गिरावट दर्ज की गई। एमएससीआई ऑल वर्ल्ड सूचकांक की परिभाषा के मुताबिक वैश्विक शेयरों में तकरीबन 20 फीसदी की गिरावट देखने को मिली जो वर्ष 2008 के बाद उनका सबसे कमजोर प्रदर्शन रहा। […]