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भारत बन सकता है दुनिया का सबसे बड़ा पेड म्यूजिक बाजार, सब्सक्रिप्शन में तेज उछालYear Ender 2025: महाकुंभ से लेकर कोल्डप्ले तक, साल के शुरू से ही पर्यटन को मिली उड़ानYear Ender 2025: तमाम चुनौतियों के बीच सधी चाल से बढ़ी अर्थव्यवस्था, कमजोर नॉमिनल जीडीपी बनी चिंताYear Ender 2025: SIP निवेश ने बनाया नया रिकॉर्ड, 2025 में पहली बार ₹3 लाख करोड़ के पारकेंद्र से पीछे रहे राज्य: FY26 में राज्यों ने तय पूंजीगत व्यय का 38% ही खर्च कियाएनकोरा को खरीदेगी कोफोर्ज, दुनिया में इंजीनियरिंग सर्विस सेक्टर में 2.35 अरब डॉलर का यह चौथा सबसे बड़ा सौदाकिराया बढ़ोतरी और बजट उम्मीदों से रेलवे शेयरों में तेज उछाल, RVNL-IRFC समेत कई स्टॉक्स 12% तक चढ़ेराजकोषीय-मौद्रिक सख्ती से बाजार पर दबाव, आय सुधरी तो विदेशी निवेशक लौटेंगे: नीलकंठ मिश्र2025 में टेक IPO बाजार की वापसी: मुनाफे के दम पर पब्लिक मार्केट में लौटा स्टार्टअप उत्साहडीमैट की दूसरी लहर: नॉन-लिस्टेड कंपनियों में इलेक्ट्रॉनिक शेयरों का चलन तेज, इश्यूर की संख्या 1 लाख के पार

लेखक : आकाश प्रकाश

आज का अखबार, लेख

2026 में भारत: अगर घरेलू निवेश कायम रहे तो बाजार और मजबूत दिखाई देगा

भारतीय बाजार के लिए मौजूदा कैलेंडर वर्ष यानी 2025 मायूसी भरा रहा है। भारतीय बाजार अपने अब तक के शीर्ष स्तर के करीब जरूर है मगर यह दुनिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला प्रमुख इक्विटी बाजार रहा है। अमेरिकी डॉलर में हिसाब-किताब लगाने पर हम वैश्विक उभरते बाजार (ईएम) सूचकांकों से पिछड़ गए हैं […]

आज का अखबार, लेख

भारत के प्रति निवेशकों का ठंडा रुख हो सकता है विपरीत सकारात्मक संकेत

पिछले दिनों मुझे वैश्विक निवेशकों के साथ कुछ समय बिताने का अवसर मिला। इनमें से कुछ तो पूंजी के सबसे चतुर दीर्घकालिक आवंटकों में शुमार हैं और उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है। वे इस उद्योग को नेतृत्व भी प्रदान करते रहे हैं। इतने वर्षों से लगातार यह सब करते हुए मुझे भी यह समझ […]

आज का अखबार, लेख

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का दबदबा चरम पर: मार्केट कैप, रिटर्न, कैपेक्स ने टेक बबल के रिकॉर्ड तोड़े

फिलहाल वैश्विक बाजार आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) की धुन पर नाच रहे हैं। एआई की धमक चारों तरफ दिख रही है, चाहे आप तेजी पर भरोसा करते हुए शेयर बाजार में उतर गए हों या फिर किनारे रहकर बाजार में स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हों। फिलहाल बाजार में तेजड़िये हावी हैं क्योंकि बाजार […]

आज का अखबार, लेख

अधिक लागत वाली फर्मों को AI अपनाने से सबसे ज्यादा लाभ होगा

मार्जिन विस्तार का स्वर्ण युग (गोल्डन एज ऑफ मार्जिन एक्सपेंशन या गेम) एक ऐसा सिद्धांत था जिसे अल्टीमीटर कैपिटल के ब्रैड गर्स्टनर ने विभिन्न ट्वीट और पॉडकास्ट के जरिये प्रचलित किया। उन्हें खासतौर पर अक्टूबर 2022 में मेटा को लिखे खुले पत्र के लिए जाना जाता है जिसमें उन्होंने शेयर बाजार में कमजोर चल रही […]

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FPIs क्यों कर रहे हैं बिकवाली? भू-राजनीतिक जोखिमों के बावजूद नेट जीरो इनफ्लो जारी

विगत पांच वर्षों से भारत में सार्वजनिक इक्विटी यानी शेयर बाजारों में शुद्ध विदेशी निवेश शून्य रहा है। यह अवधि असाधारण रूप से लंबी है। इस वर्ष भी निवेश प्रवाह में 13 अरब डॉलर की गिरावट देखने को मिली। भारतीय शेयरों में विदेशी स्वामित्व पिछले 15 साल में सबसे निचले स्तर पर जा पहुंचा है। […]

आज का अखबार, लेख

चाहिए और ऐपल: शीर्ष ब्रांडों को आकर्षित करने के लिए मॉडल को दोहराने की दरकार

भारत सरकार द्वारा पेश की गई उत्पादन-संबद्ध प्रोत्साहन योजनाओं (पीएलआई) को लेकर अंतिम तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन एक सत्य निर्विवाद है और वह है स्मार्टफोन उत्पादन के मामले में इसकी जबरदस्त कामयाबी। ऐपल और कुछ हद तक सैमसंग ने इस योजना का फायदा उठाया और इसने वित्त वर्ष 25 में […]

आज का अखबार, लेख

मार्जिन का भ्रमजाल: तात्कालिक लाभ से अधिक महत्वपूर्ण है इनोवेशन

ऐपल के साथ काम कर रहे वरिष्ठ लोगों से बातचीत में एक बात साफ जाहिर होती है कि वे इस बात को लेकर निराश हैं कि भारत का कारोबारी जगत भारत में ऐपल के वास्ते उपयुक्त माहौल बनाने के लिए जरूरी इच्छाशक्ति नहीं दिखा रहा है। चीन उनकी राह में बाधाएं खड़ी कर रहा है […]

आज का अखबार, लेख

विनिर्माण क्षमता का विस्तार: Apple से बढ़ी चीन की धमक भारत के लिए अहम सबक

मैं इन दिनों एक बेहतरीन किताब पढ़ रहा हूं- ‘ऐपल इन चाइना – द कैप्चर ऑफ द वर्ल्ड्स ग्रेटेस्ट कंपनी।’ किताब फाइनैंशियल टाइम्स के पत्रकार पैट्रिक मैकगी ने लिखी है, जो सैन फ्रांसिस्को में रहते हैं और ऐपल पर खबरें करते हैं। किताब में दो दिलचस्प बाते हैं। पहली, 1996 में दिवालिया होने के कगार […]

आज का अखबार, लेख

उथल-पुथल भरे ट्रंप के शुरुआती 100 दिन

मीडिया में ऐसे आलेखों और खबरों की भरमार है जिनमें डॉनल्ड ट्रंप के कार्यकाल के 100 दिनों का विश्लेषण किया गया है। सोशल मीडिया पर असाधारण स्तर पर अस्थिरता और बाजार संबंधी पोस्ट शेयर की जा रही हैं। ट्रंप ने पहले 100 दिनों में जितने आदेशों पर हस्ताक्षर किए हैं उतने किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने […]

आज का अखबार, लेख

गिरावट के बावजूद डॉलर का कद रहेगा बरकरार

बीते कुछ सप्ताहों के दौरान उत्पन्न हुई अस्थिरता का एक पहलू यह भी है कि अमेरिकी डॉलर और अमेरिकी ट्रेजरीज (सरकार द्वारा जारी डेट सिक्योरिटीज) ने जोखिम से बचने का व्यवहार नहीं दर्शाया है। निवेशकों में अमेरिकी ट्रेजरीज की खरीद करने या अमेरिकी डॉलर में निवेश करने की होड़ नजर आने के बजाय इन परिसंपत्ति […]

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