ह्युंडै मोटर इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) तरुण गर्ग ने मंगलवार को कहा कि हाल में जीएसटी दरों में कटौती के बावजूद कुल यात्री वाहन (पीवी) बिक्री में हैचबैक और सिडैन जैसी छोटी कारों की हिस्सेदारी घट रही है जबकि स्पोर्ट यूटिलिटी वाहनों (एसयूवी) की हिस्सेदारी में इजाफा हो रहा है। यह टिप्पणी मारुति सुजूकी के चेयरमैन आर सी भार्गव के छोटी कारों के बारे में हाल में दिए गए आशावादी बयान के बिल्कुल विपरीत है। भार्गव ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि जीएसटी दर में कटौती के बाद छोटी कारों की बिक्री में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इस तेजी के कारण अन्य कार निर्माताओं को भी अपने वाहन लाइन-अप में हैचबैक को शामिल करना पड़ सकता है।
गर्ग ने कहा, ‘जीएसटी कटौती ने कार बिक्री को कैसे प्रभावित किया है, इस पर चर्चा चल रही है। जनवरी-अगस्त की अवधि में संपूर्ण यात्री वाहन (पीवी) उद्योग की बिक्री में हैचबैक की हिस्सेदारी लगभग 22.4 प्रतिशत थी। सितंबर-अक्टूबर की अवधि में हैचबैक की हिस्सेदारी घटकर 20.4 प्रतिशत रह गई है। केवल अक्टूबर में उनकी हिस्सेदारी सिर्फ 20 प्रतिशत थी। यह उद्योग निकाय सायम का थोक बिक्री का आंकड़ा है।’
गर्ग 1 जनवरी से एचएमआईएल के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी की कमान संभालेंगे। वे कॉम्पैक्ट एसयूवी वेन्यू के फेसलिफ्ट मॉडल को 7.899 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) की शुरुआती कीमत पर पेश करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती के बाद भी सिडैन कारों की हिस्सेदारी घट गई है। उन्होंने कहा, ‘जनवरी-अगस्त की अवधि में कुल पीवी उद्योग की बिक्री में सिडैन कारों की हिस्सेदारी 8.5 प्रतिशत थी। सितंबर-अक्टूबर की अवधि में यह हिस्सेदारी घटकर 8.2 प्रतिशत रह गई। और अक्टूबर में यह हिस्सेदारी केवल 7.9 प्रतिशत थी।’
उन्होंने कहा, ‘अभी भी एसयूवी ही देश की शान हैं। यही असली कहानी है। वास्तव में तो जीएसटी दरों में कटौती के बाद सबसे ज्यादा वृद्धि मिड-लार्ज एसयूवी सेगमेंट में ही देखी गई है। कुल मिलाकर यात्री वाहन उद्योग की बिक्री में हैचबैक का योगदान लगातार कम हो रहा है।’
उन्होंने बताया कि जनवरी-अगस्त की अवधि में मिड-एसयूवी सेगमेंट की हिस्सेदारी 12.8 प्रतिशत से बढ़कर सितंबर-अक्टूबर की अवधि में 14.2 प्रतिशत और अक्टूबर में 15 प्रतिशत हो गई। भार्गव ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि अगर जीएसटी में कटौती के बाद से छोटी कारों की बिक्री में आई तेज वृद्धि आने वाले महीनों में भी जारी रहती है, तो देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड अपनी वाहन रणनीति में बदलाव के लिए तैयार है।
22 सितंबर से भारत सरकार ने छोटी कारों पर जीएसटी कम कर दिया था। इसके बाद से मारुति की कुल बिक्री में छोटी कारों के सेगमेंट की हिस्सेदारी बढ़कर 25 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है जो वित्त वर्ष 2026 में पहले 16.6 प्रतिशत थी। पिछले बुधवार मारुति सुजूकी की मूल कंपनी सुजूकी मोटर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष तोशीहिरो सुजूकी ने टोक्यो में कहा था कि मारुति सुजूकी अगले पांच से छह साल में आठ एसयूवी लॉन्च करने की योजना बना रही है।