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Reliance Capital के अधिग्रहण का मामला, हिंदुजा ने बदला कंसोर्टियम

आईआईएचएल के पास रिलायंस कैपिटल में बड़ी हिस्सेदारी है जबकि रिलांयस कैपिटल की रिलांयस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में 51 फीसदी हिस्सेदारी है।

Last Updated- May 07, 2024 | 10:21 PM IST
Reliance Capital's acquisition will be completed by the end of January, Hinduja Group will spend Rs 9,861 crore जनवरी के अंत तक पूरा होगा रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण, हिंदुजा ग्रुप खर्च करेगी 9,861 करोड़ रुपये

मॉरीशस स्थित इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स (IIHL) ने रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) का अधिग्रहण करने के लिए अपने कंसोर्टियम का पुनर्गठन किया है।

समूह ने इस कंसोर्टियम में भारत-स्थित चार नई कंपनियां शामिल की हैं, जिनमें सिक्योर इंडिया प्राइवेट, इकोपॉलिस प्रॉपर्टीज प्राइवेट, साइक्वेरेक्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट और आईआईएचएल बीएफएसआई होल्डिंग शामिल हैं। नए ढांचे से समूह को बीमा क्षेत्र में 74 प्रतिशत की विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) सीमा से जुड़े नियमों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

नए ढांचे में सिक्योर इंडिया आशिया एंटरप्राइजेज की होल्डिंग कंपनी के तौर पर काम करेगी और इसमें वे ही शेयरधारक- अशोक हिंदुजा, हर्ष हिंदुजा और शोम हिंदुजा (जो भारतीय पासपोर्ट धारक हैं) होंगे।

इसके अलावा अन्य दो नई कंपनियां सिक्वेरेक्स टेक्नोलॉजीज और इकोपॉलिस प्रापॅर्टीज भी आशिया एंटरप्राइजेज की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाइयां होंगी। आईआईएचएल बीएफएसआई होल्डिंग का 100 प्रतिशत हिस्सा आईआईएचएल के अधीन होगा।

कंसोर्टियम के नए ढांचे से हिंदुजा समूह को आईआरडीएआई के दिशा-निर्देश पूरे करने में मदद मिलेगी। इससे पहले आईआरडीएआई ने मॉरीशस की फर्म आईआईएचएल पर सवाल उठाए थे।

आईआईएचएल के पास रिलायंस कैपिटल में बड़ी हिस्सेदारी है जबकि रिलांयस कैपिटल की रिलांयस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस में 51 फीसदी हिस्सेदारी है औऱ बाकी 49 फीसदी हिस्सा निप्पॉन ऑफ जापान का है।

सौदे में नई कंपनियों को शामिल किए जाने से समूह को बीमा संबंधित दिशा-निर्देश पूरे करने में मदद मिलेगी, क्योंकि आशिया एंटरप्राइजेज और अन्य भारतीय इकाइयों के पास अब रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस (आरएनएलआईसी) की 26 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी जबकि 25 प्रतिशत हिस्से पर आईआईएचएल का नियंत्रण होगा। इस संबंध में आईआईएचएल को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला है।

पिछले सप्ताह मीडिया के साथ बातचीत में आईआईएचएल के चेयरमैन अशोक हिंदुजा ने उम्मीद जताई कि आईआरडीएआई की अनुमति कुछ ही सप्ताह में मिल जाएगी।

उन्होंने कहा था, ‘मुझे उम्मीद है कि मंजूरी जल्द मिल जाएगी। आम तौर पर मंजूरी प्रक्रिया में दो से तीन महीने लगते हैं और हमारा मूल आवेदन नवंबर 2023 में गया था। इसलिए यदि यह सब देखें तो आईआरडीएआई को जो भी जानकारी चाहिए थी, वह नवंबर में ही दे दी गई थी।’

First Published - May 7, 2024 | 10:11 PM IST

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