facebookmetapixel
Stock Market today: एशियाई बाजार चमके, जानिए इंफोसिस- विप्रो के नतीजों से आज क्या होगा बाजार का मिजाजअगस्त के दौरान भारत का विदेश में प्रत्यक्ष निवेश लगभग 50 प्रतिशत घटाभारतीय रिजर्व बैंक और सरकार के कारण बढ़ा बैंकों में विदेशी निवेशसरकारी बैंकों में 26% जनधन खाते निष्क्रिय, सक्रिय खातों की संख्या और कम होने का अनुमानअमेरिका से व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा भारतीय अधिकारियों का दलभारतीय कंपनियों ने H1FY26 में बॉन्ड से जुटाए ₹5.47 लाख करोड़, दूसरी तिमाही में यील्ड बढ़ने से आई सुस्तीकंपनियों के बीच बिजली नेटवर्क साझा करना आसान नहीं, डिस्कॉम घाटा और पीपीए लागत बड़ी चुनौतीडिप्टी गवर्नर ने चेताया – आंकड़ों पर निर्भरता से जोखिम की आशंकाब्याज दरों को स्थिर रखने का फैसला, लेकिन दर में और कटौती की गुंजाइशअब तक के उच्चतम स्तर पर कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर, और बढ़ सकता है पृथ्वी का तापमान

एक्सचेंजों-मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस का SEBI से अनुरोध, तकनीकी खामियों पर कम हो दंड

सेबी ने वित्त वर्ष (जिसमें तकनीकी गड़बड़ी हुई) के लिए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य तकनीकी अ​धिकारी के सालाना वेतन का 10 प्रतिशत जुर्माना तय किया था।

Last Updated- May 14, 2024 | 9:53 PM IST
Sebi extends futures trading ban on seven agri-commodities till Jan 2025

मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशंस (MII) ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) से अनुरोध कर तकनीकी गड़बड़ी के मामले में मुख्य
अ​धिकारियों पर लगाए जाने वाले वित्तीय जुर्माने पर पुनर्विचार करने को कहा है। एमआईआई में स्टॉक एक्सचेंज, ​क्लियरिंग कॉरपोरेशन और डिपोजिटरी मुख्य रूप से शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि एमआईआई का मानना है कि वित्तीय प्रोत्साहन से संबं​धित मौजूदा नियम काफी सख्त हैं और इससे लंबी अव​धि में प्रतिभा आक​र्षित करने की रफ्तार प्रभावित हो सकती है।

इसके अलावा, उनका मानना है कि तकनीकी खामियां पूरी तरह दूर नहीं की जा सकतीं, ट्रेडिंग प्रणालियों की जटिलता तेजी से बढ़ रही है। 2021 में, सेबी ने एमआईआई के लिए सामान्य ट्रेडिंग प्रभावित करने वाली तकनीकी खामियों से निपटने के संबंध में एमआईआई के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) की पेशकश की।

रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रक्रिया के साथ साथ एमआईआई और उसके कुछ अ​धिकारियों पर फाइनैं​शियल डिसइंसेंटिव के संबंध में भी अलग से मानक शामिल किए गए हैं। एसओपी के अनुसार, सेबी ने वित्त वर्ष (जिसमें तकनीकी गड़बड़ी हुई) के लिए प्रबंध निदेशक एवं मुख्य तकनीकी अ​धिकारी के सालाना वेतन का 10 प्रतिशत जुर्माना तय किया था।

स्टॉक एक्सचेंजों, ​क्लियरिंग निकायों और डिपोजिटरी के सदस्यों ने एमडी और सीटीओ के वेतन से यह जुर्माना हटाने के लिए एक औपचारिक याचिका सौंपी है।

सूत्रों के अनुसार, व्यवसाय करने की प्रक्रिया आसान बनाने के संबंध में एक कार्य समूह गठित किया गया है जिसने सेबी को एमआईआई द्वारा दिए जाने वाले अनुरोधों को स्वीकार नहीं करने का सुझाव दिया है।

एक अ​धिकारी ने कहा, ‘बाजार नियामक फाइनैं​शियल डिसइंसेंटिव के इस्तेमाल का निर्णय लेने से पहले संबं​धित अ​धिकारियों से सुझाव मांग सकता है। एमआईआई कुछ समय से इस संबंध में रियायत पाने का अनुरोध करते रहे हैं और उनके इन अनुरोधों पर नियामक द्वारा विचार किया जा सकता है।’

सूत्रों का कहना है कि सिस्टम की तैयारियां, रियल टाइम रिस्क मैनेजमेंट, विक्रेताओं की सेवाओं की निगरानी सु​नि​श्चित करने के संबंध में एमआईआई आगे रहें।

एसओपी के अनुसार, ऐसे जुर्माने से एकत्रित रा​शि जरूरत के आधार पर या तो इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फंड या कोर सेटलमेंट गारंटी फंड (एसजीएफ) में जाती है। यह रा​शि स्थानांतरित करने से पहले यह सुनि​श्चित किया जाता है कि तकनीकी गड़बड़ी स्टॉक एक्सचेंज में हुई या ​क्लियरिंग कॉरपोरेशन में।

फरवरी 2021 में नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में हुई बड़ी तकनीकी गड़बड़ी के बाद सेबी ने एसओपी को पेश किया था। इस तकनीकी गड़बड़ी की वजह से करीब चार घंटे तक ट्रेडिंग प्रभावित हुई थी।

जून 2023 में, सेबी ने तकनीकी गड़बड़ी के लिए एनएसई और एनएसई क्लियरिंग (एनसीएल) द्वारा 49.8 करोड़ रुपये और 22.9 करोड़ रुपये के निपटान आवेदन को स्वीकार किया था।

सेटलमेंट संबं​धित आदेश में सेबी ने एनएसई के तत्कालीन प्रबंध निदेशक विक्रम लिमये को निवेशक शिक्षा के लिए अगले वर्ष 14 दिनों के लिए सामुदायिक सेवा के लिए प्रतिबद्ध होने का भी निर्देश दिया है, जबकि एनएसई क्लियरिंग के तत्कालीन प्रबंध निदेशक विक्रम कोठारी और सीटीओ कुमार भसीन को भी सामुदायिक सेवा में योगदान देने के लिए कहा गया।

First Published - May 14, 2024 | 9:39 PM IST

संबंधित पोस्ट