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ZEE Vs SEBI: ज़ी मामले में सेबी के आदेश से संतुष्ट नहीं सैट, मांगा जवाब

यह मामला येस बैंक में 200 करोड़ रुपये जमा को लेकर ज़ी के एक और प्रवर्तक सुभाष चंद्रा की तरफ से लेटर ऑफ कंफर्ट दिए जाने और फिर इस रकम की हेराफेरी संबंधित इकाइयों के जरिये करने

Last Updated- August 31, 2023 | 9:51 AM IST
Zee Entertainment Share

ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) के प्रवर्तक पुनीत गोयनका की अपील पर सुनवाई करते हुए प्रतिभूति अपील पंचाट (SAT) ने बाजार नियामक सेबी को 4 सितंबर तक जवाब देने का निर्देश दिया है।

पंचाट ने मामले पर अंतिम फैसले के लिए 8 सितंबर की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल ने आज कहा, जहां तक आठ महीने तक चली जांच और आपकी तरफ से दी गई नोटिस का सवाल है, हम संतुष्ट नहीं हैं। ऐसे में यह अनिश्चितकाल तक नहीं चल सकता। मैं इससे सहमत नहीं हूं कि जिस आदेश को चुनौती दी गई है वह आठ महीने तक ऐसे ही पड़ा रहा।

रकम की कथित हेराफेरी मामले में बाजार नियामक सेबी के पुष्टि वाले आदेश में गोयनका को ज़ी समूह की चार फर्मों और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ विलय के बाद बनने वाली इकाई में अहम प्रबंधकीय और निदेशक का पद लेने से रोक दिया गया था।

यह मामला येस बैंक में 200 करोड़ रुपये जमा को लेकर ज़ी के एक और प्रवर्तक सुभाष चंद्रा की तरफ से लेटर ऑफ कंफर्ट दिए जाने और फिर इस रकम की हेराफेरी संबंधित इकाइयों के जरिये करने से जुड़ा है।

गोयनका के लिए दलील पेश करते हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सेबी का आदेश दंडात्मक है, न कि निरोधात्मक और आठ महीने की अवधि इस प्रावधान को अक्षम बनाता है।

प्रस्ताव पर 99.99 फीसदी शेयरधारकों ने सहमति जताई

उन्होंने कहा कि सोनी के साथ विलय के बाद बनने वाली इकाई में निदेशक मंडल का ढांचा अलग होगा और सोनी पिक्चर्स के सदस्य बोर्ड में होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रस्ताव पर 99.99 फीसदी शेयरधारकों ने सहमति जताई थी।

अग्रवाल ने कहा, अगर सार्वजनिक हित इसमें है कि अमुक व्यक्ति निदेशक बने रहे और कामकाज का प्रबंधन करे तो इस पर सिर्फ इस वजह से पाबंदी लगनी चाहिए कि विगत में रकम की हेराफेरी का कुछ मामला पाया गया था।

सिंघवी ने कहा कि नई इकाई के बोर्ड में सोनी के शेयरधारकों के पांच नॉमिनी होंगे, तीन स्वतंत्र निदेशक होंगे, जिसमें से एक को चेयरमैन बनाने की सिफारिश सोनी करेगी। इसके अलावा मुख्य वित्त अधिकारी भी सोनी का नॉमिनी होगा।

उन्होंने कहा कि अधिकारों के विकेंद्रीकरण को सोनी की वैश्विक नीति और अमेरिकी नियमन से जोड़ा जाएगा। सेबी के वकील डेरियस खंबाटा ने कहा कि गोयनका के वकील ने अदालत में नई चीज पेश की है, जिसे बाजार नियामक से सामने नहीं रखा गया था और न ही निवेदन के बाद भी जमा कराया गया था। नई चीज पर अपना जवाब देने के लिए उन्होंने समय मांगा। सिंघवी ने कहा कि गोयनका ज़ी के बोर्ड में निदेशक के तौर पर साल 2010 से हैं और कथित आरोप साल 2018 के हैं।

First Published - August 31, 2023 | 9:51 AM IST

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